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01 जून 2009

देश भर में समान होंगी सोने की कीमतें!

मुंबई May 31, 2009
भारत में जल्द ही सोने की कीमतें एक समान हो सकती हैं।
देश भर के अग्रणी बुलियन और ज्वेलरी मर्चेंट एसोसिएशनों ने नेशनल स्पॉट एक्सचेंज (एनएसईएल) से मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पेशेवर कंपनी इंडियन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (आईबीएमए) शुरू करने की घोषणा की है, जिससे एक मंच पर सोने का कारोबार किया जा सके।
शनिवार को शुरू कि या गया आईबीएमए सुबह और शाम को रुपये के लिहाज से सोने की कीमतें जारी करेगा। वर्तमान में सोने के भाव के लिए इंटरनेशनल बेंचमार्क पर निर्भर रहना पड़ता है और ये भाव लंदन के सुबह और शाम के भाव पर आधारित होते हैं।
आईबीएमए द्वारा जारी की गई कीमतें बाजार में स्पॉट इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म जैसे एनएसईएल में हुए वास्तविक खरीद और बिक्री के हिसाब से तय की जाएंगी। भारत दुनिया का सबसे बड़ा सोना का आयात, उपभोक्ता और ज्वेलरी का निर्यातक होने के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय सोने की कीमतों को प्रभावित नहीं कर पाता है।
सोने की कीमतों को प्रभावित करने और बुलियन कारोबार में और पारदर्शिता लाने के मकसद से देशभर को कारोबारी एक साथ खड़े हुए हैं। आईबीएमए को देशभर के बुलियन ट्रेड एवं इंडस्ट्री के प्रतिनिधित्व के लिए बनाया गया है। यह भारत के बुलियन ट्रेड एवं इंडस्ट्री और एनएसईएल के संघटन के रुप में काम करेंगा। आईबीएमए इंडियन बुलियन मार्केट की समस्याओं का समाधान करके विकास पर अधिक जोर देगा।
आईबीएमसी सोने के स्थानीय रिफाइनरियों को भी मान्यता देगा और एनएसईएल पर स्पॉट डिलीवरी के कांट्रैक्ट शुरू करेगा तथा सोने की इन सिल्लियों को डिलिवरी के रुप में प्राप्त करेगा। फाइनेंशियल टेक्नोलॉजिस के चेयरमैन जिग्नेश शाह ने कहा कि आईबीएम का सहभागी होने के नाते एनएसईएल भारत को सोने के कारोबार में प्राइस टेकर के बदले अब प्राइस सेटर की प्रतिष्ठा दिलाना चाहता है।
इसका फायदा आम लोगों को भी होगा क्योंकि इसके द्वारा पूरे देश में बुलियन बाजार की एक ही कीमत हो सकेगी। आईबीएमए के शुरू होने की घोषणा करते हुए एनएसईएल के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ अंजनी सिन्हा ने कहा कि आज हमें सोने के बेंचमार्क भाव के लिए इंटरनेशनल मार्केट के बेंचमार्क भाव पर निर्भर रहना पड़ता है और ये भाव लंदन के सुबह और शाम के भाव पर आधारित होते हैं।
भारत विश्व में सोने के कुल उत्पादन का 25 फीसदी हिस्सा आयात करता है। इसके बावजूद भी हम इंटरनेशनल मार्केट में सोने के भावों को प्रभावित नहीं कर सकते। आईबीएमए के मध्यम से सोने के भावों के लिए स्थानीय बेंचमार्क का निर्माण किया जा सकेगा।
सिन्हा ने कहा, 'सोने की एकसमान कीमतें तभी संभव होंगी जब सेवा एवं सामान कर (जीएसटी) लागू कर सभी केंद्रीय और राज्य के करों को हटा दिया जाए। जीएसटी लागू करने का समय सरकार ने मार्च 2011 तय किया है, इसलिए इसके लागू होने के पहले कीमतों में भिन्नता बनी रहेगी। बहरहाल सदस्यों को देश भर में कारोबार के अवसर मिलने पर कीमतों में अंतर का प्रतिशत जरूर कम हो जाएगा।'
बांबे बुलियन एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश हुंडिया ने कहा कि भारत सोने का प्रमुख आयातक और ज्वेलरी का निर्यातक देश है, फिर भी इसका इंटरनेशनल मार्केट में सोने के भावों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इसका मुख्य कारण देशभर में बिखरे और असंगठित बुलियन का कामकाज है।
हुंडिया के अनुसार आईबीएमए बुलियन कारोबारियों को एक मंच पर लाकर संबंधित समस्याओं और घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय भावों में अंतर को दूर करेंगा। साथ में इसका उद्देश्य सोने और चांदी के घरेलू स्टाक को जोड़ना है। उनके अनुसार हाल में सोने की कीमतों में भारी उतार चढ़ाव देखने को मिला है। (BS Hindi)

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