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03 जून 2009

कमजोर स्टॉक और आयात महंगा होने से अरहर तेज

कमजोर स्टॉक और आयात महंगा होने से पिछले तीन-चार दिनों में अरहर की कीमतों में लगभग 150 रुपये की तेजी आकर भाव 4025-4050 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। म्यामांर से आयातित लेमन अरहर के मुंबई पहुंच भाव बढ़कर 3875 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। वर्ष 2008-09 में देश में अरहर की पैदावार में करीब सात लाख टन की कमी आई है। जबकि नई फसल आने में अभी करीब छह माह का समय शेष है। ऐसे में मौजूदा भावों में अभी गिरावट की संभावना नहीं है।दाल मिलर्स सुनील बंदेवार ने बताया कि प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश की उत्पादक मंडियों में अरहर की दैनिक आवक घट गई है। इसीलिए पिछले तीन-चार दिनों में अरहर के भावों में 150 रुपये की तेजी आकर लातूर, गुलबर्गा और जलगांव मंडी में भाव 4025 से 4050 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। चालू महीने के मध्य में उत्पादक राज्यों में बुवाई का कार्य शुरू हो जाएगा। अरहर की नई फसल की आवक नवंबर महीने में बनेगी। अत: नई फसल आने में अभी करीब छह महीने का समय शेष है। दलहन आयातक संतोष उपाध्याय ने बताया कि म्यांमार के निर्यातकों द्वारा भाव बढ़ा देने से लेमन अरहर के भाव बढ़कर मुंबई पहुंच 3875 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।सूत्रों के अनुसार वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान सरकारी एजेंसियों एसटीसी, एमएमटीसी, पीईसी और नेफेड ने लगभग 95,140 टन अरहर के आयात सौदे किए हैं। इस समय म्यांमार के निर्यातकों द्वारा 775-800 डॉलर प्रति टन के भाव बोले जा रहे है। हालाकि ऊंचे भावों में आयातकों द्वारा खरीद भी सीमित मात्रा में ही की जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक अरहर की पैदावार घटकर 23 लाख टन ही होने का अनुमान है। पिछले वर्ष देश में इसकी पैदावार 30 लाख टन की हुई थी। आगामी दिनों में उत्पादक राज्यों में मानूसन कैसा रहता है, इस पर भी अरहर की तेजी-मंदी निर्भर करेगी। दलहन बेचने के लिए पीईसी ने मांगे टेंडरनई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी पीईसी ने आयातित दलहन बेचने के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं। इस टेंडर में चार जून तक लगने वाली बोलियों पर अंतिम फैसला 11 जून तक होगा। आस्ट्रेलिया से आयातित काबुली चना और मसूर (नई फसल), तंजानिया का काबुली चना और हरी मूंग (नई फसल), म्यांमार से तुअर एफएक्यू-रड, उड़द, एफएक्यू व उड़द एसक्यू और कनाडा से आयातित पीली मटर बेची जाएगी। टेंडर में पांच सौ टन के लिए बोली लगाई जा सकती है। (Business Bhaskar....R S Rana)

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