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03 जून 2009

काली मिर्च की कीमतों में उछाल का रुख

कोच्चि June 02, 2009
दुनिया भर में काली मिर्च के बाजार में फिलहाल उछाल का रुख दिख रहा है इसकी वजह यह है कि सभी बड़े उत्पादक देशों में काली मिर्च का भंडार बेहद कम है।
दुनिया में मसालों के सबसे बड़े उत्पादक देश वियतनाम में मौजूदा महीने की डिलीवरी 2300 डॉलर प्रति टन है लेकिन जुलाई-सितंबर में आपूर्ति के लिए इसमें 100 डॉलर की बढ़त होगी।
अगले छह महीने तक दुनिया भर में काली मिर्च का भंडार कम ही रहने वाला है इसकी वजह से कीमतों के मोर्चे पर दबाव बढ़ने की संभावनाएं हैं। वियतनाम के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस मई तक देश ने 52,000 टन का निर्यात किया जो वर्ष 2008 के जनवरी-मई की अवधि के मुकाबले 43.3 फीसदी ज्यादा थी।
इसी वजह से ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि देश में अधिकतम भंडार 50,000 टन हो सकता है। ब्राजील को छोड़कर अगली फसल के सीजन में दिसंबर के अंत तक ही सक्रियता दिखेगी। वियतनाम के लिए अगली फरवरी तक ही बेहतर सीजन आएगा। ब्राजील में कटाई का काम अगस्त से शुरू होगा लेकिन दुनिया भर में सितंबर से ही मांग में कुछ सुधार आएगा इसकी वजह जलवायु में परिवर्तन है।
भारत के पास भी बहुत कम भंडार है लेकिन यह देश विदेशी खरीदारों के लिए नहीं है। एमजी1 की कीमत 2800 डॉलर प्रति टन है जो दुनिया भर की औसतन कीमत के बराबर नहीं टिकती है। फिलहाल इंडोनेशिया में कीमत 2375-2400 डॉलर है और ब्राजील 2350 डॉलर कीमत दे रहा है।
लेकिन स्थानीय स्तर पर मांग के साथ वायदा के मोर्चे पर बहुत ज्यादा सट्टेबाजी जुड़ी हुई है जिसकी वजह से भारत में ज्यादा कीमतें हैं। इसी बीच वैश्विक आर्थिक मंदी की वजह से अमेरिका का आयात बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ।
इस साल जनवरी-मार्च की अवधि के दौरान अमेरिका ने पिछले साल की समान अवधि में 11,888 टन के मुकाबले इस साल 10,677 टन का आयात किया। वर्ष 2007 की समान अवधि की तुलना में इस साल आयात में 1725 टन का सुधार हुआ।
इसी वजह से अमेरिका में काली मिर्च की खपत में मंदी का कोई दबाव नहीं दिखा। भंडार के स्तर के कम होने की वजह से अगले कुछ महीनों में मांग में बढ़ोतरी होने से वैश्विक काली मिर्च बाजार में कीमतों के लिहाज से काफी बढ़ोतरी दिखेगी।
वियतनाम में कम भंडार के आसार बनते हुए देख कर कीमतों के मोर्चे पर बेहद आक्रामक रुख दिख रहा है। रोजाना आधार पर कीमतों में उछाल का रुख यहां दिख रहा है। भारत के वायदा बाजार में साफतौर पर कीमतों में बढ़ोतरी के संकेत दिख रहे हैं। (BS Hindi)

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