नई दिल्ली June 16, 2009
बिहार, झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ एवं गुजरात व मध्य प्रदेश के दक्षिणी भाग को मानसून के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा।
साथ ही पंजाब, हरियाणा, पूर्वी एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ दिल्ली में भी अगले चार दिनों तक बारिश की कोई संभावना नहीं है। मानसून से होने वाली बारिश के विलंब होने से बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ के धान किसानों को अभी बुआई के लिए और इंतजार करना पड़ेगा जबकि पंजाब एवं हरियाणा में सिंचाई के साधनों के जरिए धान की बुआई का काम शुरू हो गया है।
वहीं मध्य प्रदेश एवं गुजरात के सोयाबीन किसानों को भी बारिश का इंतजार है। मौसम विभाग के निदेशक बीपी यादव कहते हैं, 'मध्य प्रदेश में अगले एक सप्ताह तक मानसून के आने की कोई संभावना नहीं है। बिहार, झारखंड व आसपास के इलाकों में भी मानसून के आगमन में देरी हो चुकी है।'
हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार किया कि आने वाले समय में इन इलाकों में मानसून से होने वाली बारिश में कोई कमी आएगी। मौसम विभाग द्वारा मध्य प्रदेश में 15 जून तक तो बिहार, झारखंड में 5 जून तक मानसून के आने की संभावना जताई गयी थी। सोयाबीन की कीमत में लगातार मजबूती के कारण सोयाबीन के रकबे में इस साल 5-7 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है।
देश भर में 95 लाख हेक्टेयर जमीन पर सोयाबीन की खेती की जाती है और सबसे अधिक मध्य प्रदेश के भूभाग पर इसकी खेती होती है। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता राजेश अग्रवाल कहते हैं, 'किसानों ने सोयाबीन बुआई की पूरी तैयारी कर ली है। लेकिन बारिश होने में ज्यादा देरी होने पर बुआई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।'
पंजाब के किसानों के मुताबिक यहां 25 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर धान की खेती की जाती है और यहां की 95 फीसदी से अधिक खेती योग्य जमीन सिंचाई सुविधा से संपन्न है। इस कारण यहां धान की बुआई 10 जून से ही शुरू हो गयी है। वहीं बारिश पर निर्भर बिहार व झारखंड में खरीफ फसल की बुआई में देरी होने की आशंका जाहिर की जा रही है। (BS Hindi)
17 जून 2009
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