मुंबई June 16, 2009
सर्राफा कारोबारी सोने का सीधा आयात करने की इजाजत चाहते हैं।
कारोबारी संस्था, बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन (बीबीए) ने सरकार से यह सिफारिश की है कि वह कारोबारियों को सीधे सोने का आयात करने की इजाजत दे और सोने के आयात से सभी तरह के प्रतिबंध हटा ले।
कुछ समय पहले सरकार ने जेम्स ऐंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, डायमंड इंडिया लिमिटेड और इसी तरह की दूसरी निर्यातकों की संस्थाओं को सोने का आयात करने की इजाजत दी थी कि वे इन संस्थाओं के सदस्य के तौर पर ऐसा कर सकते हैं। इन एजेंसियों ने फिलहाल सोने के आयात की पूरी तरह से शुरुआत नहीं की है।
कारोबारी सूत्रों का कहना है कि मौजूदा वक्त में उन्हें बैंक से सोना खरीदना पड़ता है और जब मांग बहुत ज्यादा होती है तब उसके लिए प्रीमियम भी मांगा जाता है। अगर बैंक और निर्यातकों की संस्थाओं को स्वतंत्र रूप से सोने के आयात की इजाजत दी जाती है तो उन्हें भी इजाजत मिलनी चाहिए।
पहले भी सरकार ने सोने के आयात निर्यात की बाधा को खत्म करने की संभावनाओं पर चर्चा की थी। लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक को इस पर ऐतराज था। रिजर्व बैंक का कहना है कि सोना एक मुद्रा की तरह है और इसके आयात-निर्यात की निर्वाध अनुमति मिलना, पूंजीगत खाते में रुपये की परिवर्तनीयता की तरह ही होगा जिसके लिए भारत अभी तैयार नहीं है।
बीबीए ने सरकार से सिफारिश की है कि सोने के निर्यात से जुड़े मूल्य वर्द्धित नियमों को हटाए। इसके साथ ही उनका कहना है कि सोने का निर्यात उसी तरह से करने की इजाजत मिलनी चाहिए जिस तरह इसका आयात किया जाता है। कारोबारी संस्था का यह भी कहना है कि सोने पर केंद्रीय बिक्री कर को भी हटाया जाना चाहिए। (BS Hindi)
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