01 जून 2009
पाम तेल के भाव में तेजी जारी रहने की संभावना
कच्चे पाम तेल के भाव में जुलाई तक तेजी बरकरार रहने की संभावना है। इसके लिए पाम तेल के स्टॉक में आई कमी और भारत और चीन से पाम तेल की बढ़ती मांग मुख्य कारण हैं। वहीं दूसरी तरफ चालू वर्ष के अंत तक इसके भाव बढ़कर 830 डॉलर प्रति टन हो जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। इंडोनेशिया के पाम तेल उत्पादकों के संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष डेरम बैंगुन ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल की पहली तिमाही में इंडोनेशिया और मलेशिया के पाम तेल उत्पादन में 25 फीसदी की कमी आई। उन्होंने कहा कि इसका परिणाम यह हुआ कि मलेशिया में पाम तेल का भंडार 12 से 14 लाख टन के बीच रहा। आमतौर पर इस सीजन में मलेशिया के पास 16 लाख टन पाम तेल का भंडार रहता है।दाम बढ़ने के लिए भारत और चीन की तरफ से पाम तेल की मांग में हुई वृद्धि भी जिम्मेदार है। इस बावत बैंगून ने कहा कि भारत में वनस्पति तेलों के आयात पर कोई शुल्क नहीं है। इस वजह से भारत से पाम तेल की मांग ज्यादा है। वहीं दूसरी तरफ चीन भी भारी मात्रा में पाम तेल खरीद रहा है। सीआईएफ रोटरडम में गुरुवार को कच्चे तेल का भाव 765 डॉलर प्रति टन रहा। जबकि अप्रैल के शुरूआती दिनों में कच्चे पाम तेल का भाव 650 डॉलर प्रति टन पर था। उन्होंने कहा कि स्टॉक कम होने और मांग में तेजी बरकरार रहने की वजह से जुलाई तक पाम तेल का भाव 800 डॉलर प्रति टन के आसपास रहने की उम्मीद है।वहीं दूसरी तरफ साल के अंत तक पाम तेल का भाव 830 डॉलर प्रति टन रहने का अनुमान है। यह अनुमान कमोडिटी कंसल्टेंसी फर्म एलएमसी इंटरनेशनल के अध्यक्ष जेम्स फ्राई ने लगाया है। उन्होंने एक सम्मेलन में कहा कि अगर ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 70 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच जाता है तो साल के अंत तक पाम तेल का भाव 830 डॉलर प्रति टन तक पहुंच सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ब्रेंट क्रूड ऑयल का भाव 45 डॉलर प्रति बैरल पहुंचने पर साल के अंत तक पाम तेल का भाव 580 डॉलर प्रति टन पर रह सकता है। (Business Bhaskar)
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