विजय रॉय/एजेंसी May 11, 2009
देश में चालू विपणन सीजन में गेहूं की खरीद अब तक 17 फीसदी बढ़कर 217 लाख टन पर पहुंच गई है।
इससे उम्मीद बन रही है कि इस साल गेहूं की कुल खरीद पिछले साल के रिकॉर्ड 226.89 लाख टन को पार कर सकती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार गेहूं की खरीद रविवार तक 217.52 लाख टन के स्तर पर पहुंच गई जो पिछले साल की समान अवधि में 185.16 लाख टन थी।
केंद्र ने चालू सीजन में 244 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है। गेहूं की खरीद मध्य प्रदेश राजस्थान और गुजरात में 18 मार्च को जबकि अन्य राज्यों में एक अप्रैल से शुरु हुई थी। गेहूं की खरीद जून तक जारी रहने की उम्मीद है।
पंजाब में गेहूं की खरीद मौजूदा खरीद सत्र में 1.071 करोड़ टन के ऑल टाइम हाई मार्क को छू चुकी है। इस सत्र में गेहूं की खरीद के लिए 1.05 करोड़ टन का लक्ष्य रखा गया था। इस सत्र में गेहूं की खरीद पिछले वर्ष के 1.061 करोड़ टन की खरीद के रिकॉर्ड को तोड़ चुकी है।
यह ध्यान देने की बात है कि पंजाब ने अपना गेहूं उत्पादन अनुमानित रूप से 5 लाख टन तक घटा कर 1.5 करोड़ टन कर दिया था, क्योंकि बेमौसम बारिश ने रबी सत्र की इस फसल को भारी नुकसान पहुंचाया। राज्य ने पहले यह अनुमान लगाया था कि गेहूं उत्पादन इस सत्र में 1.55 करोड़ टन के आंकड़े को छू लेगा, क्योंकि पिछले साल का उत्पादन 1.57 करोड़ टन था।
पैदावार अनुमानों में कमी किए जाने के बाद राज्य सरकार ने इस खरीद सत्र के दौरान गेहूं की खरीद के लिए 1.05 करोड़ टन का लक्ष्य तय कर दिया। लेकिन राज्य ने 1.055 करोड़ टन गेहूं की खरीद कर अपना खरीद लक्ष्य 5 मई, 2009 को ही पार कर लिया। अधिकारियों ने दावा किया है कि फसल जल्दी पक जाने और खराब मौसम की आशंका की वजह से विभिन्न मंडियों में बड़ी तादाद में गेहूं पहुंचा है।
थोक और तेज खरीद की वजह से 10 मई को 1.071 करोड़ टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। पिछले सत्र के दौरान इस समय तक 99.8 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। अन्य राज्यों की तुलना में पंजाब में गेहूं 1080-1085 रुपये प्रति क्विंटल के बीच बिक रहा है। अन्य राज्यों में गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बिक रहा है।
पंजाब के सभी खरीद केंद्रों में कुल 1.071 करोड़ टन गेहूं की खरीद हुई जिसमें सरकारी एजेंसियों ने 10 मई तक 1.069 करोड़ टन गेहूं की खरीद की जबकि निजी व्यापारियों ने 22,000 टन गेहूं की खरीद की।
लगभग यही रुझान पिछले साल (10 मई तक) देखने को मिला था। तब निजी व्यापारी 305,000 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद करने में सफल रहे थे जबकि सरकारी एजेंसियों ने पिछले साल की इसी अवधि के दौरान 96.7 लाख टन गेहूं की खरीद की थी। राज्य में गेहूं के अधिक एमएसपी और उच्च करों के कारण निजी खरीदारी में भारी गिरावट आई है।
पंजाब में खरीदारों को विभिन्न करों के रूप में 11.5 फीसदी (2 फीसदी रूरल डेवलपमेंट फंड, 2 फीसदी मार्केट फीस, 2.5 फीसदी कच्चा आढ़तिया, 4 फीसदी वैट, 1 फीसदी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस) की रकम चुकानी होती है जबकि हरियाणा में यह 10.5 फीसदी है।
इसके बाद उत्तर प्रदेश में यह 8 फीसदी और राजस्थान में 7.5 फीसदी है। कर अधिक होने की वजह से निजी कारोबारी अन्य राज्यों से गेहूं की खरीद कर रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने 115 लाख एमटी गेहूं की खरीद के लिए व्यापक इंतजाम किए थे और लगभग 1547 खरीद केंद्र तैयार किए थे। राज्य सरकार ने गेहूं की खरीद को आसान बनाए जाने के लिए पूरी व्यवस्था की थी। (BS Hindi)
12 मई 2009
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