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30 मई 2009

अगले सीजन में 15 लाख टन कच्ची चीनी आयात

नई दिल्ली- देश में सबसे ज्यादा चीनी उत्पादन करने वाले राज्य महाराष्ट्र में अगले गन्ना पेराई सीजन में करीब 15 लाख टन कच्ची चीनी के आयात होने की उम्मीद है। भारत के 25 लाख टन कच्ची चीनी के आयात करने से न्यूयार्क में कच्ची चीनी के वायदा की कीमतें इस साल करीब 35 फीसदी ऊपर चढ़ चुकी हैं। साथ ही हाजिर महीने के कॉन्ट्रैक्ट की कीमत भी 12 मई को 16.03 सेंट के उच्चतम स्तर पर चली गई थी। यह कीमत जुलाई 2006 के बाद सबसे ज्यादा रही है। अक्टूबर से शुरू होने वाले अगले सीजन के लिए चीनी की कमी को देखते हुए कृषि मंत्री ने इस हफ्ते कहा था कि सरकार चीनी मिलों को कच्ची चीनी के शुल्क मुक्त आयात करने की तय अवधि में विस्तार कर सकती है। महाराष्ट्र सरकारी चीनी फैक्ट्री फेडरेशन के प्रबंध निदेशक प्रकाश नैकनावरे ने कहा, 'अक्टूबर से गन्ना पेराई शुरू हो जाएगी और तगड़े आयात होने की उम्मीद है। करीब 15 लाख टन कच्ची चीनी का आयात हो सकता है।' उन्होंने कहा कि पश्चिमी महाराष्ट्र में मौजूद मिलें मौजूदा सीजन में सितंबर तक कच्ची चीनी का आयात नहीं कर सकतीं, क्योंकि फरवरी में जब तक सरकार ने कर मुक्त खरीद की मंजूरी दी, मिलों में काम बंद हो चुका था। भारत दुनिया में चीनी का सबसे बड़ा उपभोक्ता और उत्पादक है। इस साल 17 फरवरी को सरकार ने चीनी मिलों को कच्ची चीनी की शुल्क मुक्त खरीद की मंजूरी दी थी। साथ ही अप्रैल में सरकार ने तीन सरकारी ट्रेडिंग फर्मों को 10 लाख टन रिफाइंड चीनी के आयात की भी मंजूरी दी थी। गन्ने के उत्पादन में कमी आने से चीनी मिलों को लग रहा है कि साल 2008-09 सीजन में चीनी उत्पादन 45 फीसदी घटकर 1.47 करोड़ टन पर आ सकता है। नैकनावरे ने कहा कि गन्ने की ज्यादा क्षेत्रफल पर फसल करने से उत्पादन में इजाफा हो सकता है। (ET Hindi)

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