कोलकाता May 21, 2009
सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड ने अपने अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी के मद्देनजर कोयले की कीमतें बढ़ाने की योजना बनाई है।
वेतन वृध्दि से कंपनी पर 4000 करोड़ रुपये प्रति साल का सालाना भार बढ़ा है। कोल इंडिया के अध्यक्ष पार्थो एस भट्टाचार्य ने यहां संवाददाताओं को बताया, 'हमें कीमतें बढ़ाने की जरूरत है। सरकार को इसकी जानकारी है। हम इसे न्यूनतम पर रखने की कोशिश करेंगे।'
नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट -8 के चलते कर्मचारियों के वेतन में संशोधन किया गया है, जिसका लाभ कोल इंडिया लिमिटेड के 4.33 लाख कर्मचारियों को मिलेगा। हालांकि इस अतिरिक्त खर्च से संचालन मुनाफे में 2009-10 के दौरान कमी आएगी।
इस तरह के किसी भी घाटे से बचने के लिए नवरत्न कंपनियों में से एक, कोल इंडिया के लिए कीमतों में बढ़ोतरी करना मजबूरी बन गई है। भट्टाचार्य ने कहा, 'कोल इंडिया लिमिटेड को 5000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त राजस्व क्षमता बढ़ाने की सख्त जरूरत है। सरकारी भुगतानों और कंपनी को मुनाफे में लाने के लिए इस तरह के कदम की सख्त जरूरत है।'
हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि कंपनी कोयले की कीमत में कितनी बढ़ोतरी करने की तैयारी में है। कीमतें बढ़ाने के साथ साथ सीआईएल कंपनी की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के बारे में भी विचार कर रही है।
सीआईएल ने 2009-10 के दौरान 43.5 करोड़ टन उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जबकि 2008-09 में कंपनी का कुल उत्पादन 40.373 करोड़ टन रहा है। 2008-09 के दौरान 40.5 करोड़ टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया था,कुछ दिक्कतों की वजह से लक्ष्य को पूरा नहीं किया जा सका।
भट्टाचार्य ने कहा कि कुछ परियोजनाओं में लक्ष्य के मुताबिक उत्पादन नहीं हो सका। उन्होंने कहा, 'हमने कोयले के वार्षिक उत्पादन में 6.4 प्रतिशत की सालाना बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा है। हम उम्मीद करते हैं कि 2011-12 तक उत्पादन 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ बढ़कर 50 करोड़ टन हो जाएगा।
हम सरकार को भुगतान किए जाने वाले लाभांश में बढ़ोतरी को देखते हुए कीमतों में बढ़ोतरी से इनकार नहीं कर सकते। यह प्रस्तावित परियोजनाओं को देखते हुए भी जरूरी है। अतिरिक्त राजस्व की व्यवस्था बहुत जरूरी है, जिसे हम कीमतों में बढ़ोतरी करके ही पूरा कर सकते हैं।' (BS Hindi)
22 मई 2009
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