मुंबई May 20, 2009
देश का सबसे बड़ा जिंस बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) और कृषि जिंसों का सबसे बड़ा कमोडिटी एक्सचेंज नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) गुरुवार से गेहूं का वायदा कारोबार शुरू करने जा रहे हैं।
फिलहाल सौदे छह महीनों के लिए ही किए जाएंगे। अहमदाबाद में तीसरा कमोडिटी एक्सचेंज नैशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एनएमसीई) अगले हफ्ते से गेहूं वायदा शुरू करेगा। दो साल से प्रतिबंधित गेहूं का वायदा कारोबार फिर शुरू होने से हेजिंग करने वालों और सट्टेबाजों सहित सभी कारोबारियों को राहत मिलेगी।
गेहूं वायदा पर लगी रोक हटने से कमोडिटी ब्रोकरों में काफी खुशी का माहौल है। इन ब्रोकरों का मानना है कि एनसीडीईएक्स में लगातार तेजी से गिर रहे कारोबार में गेहूं वायदा से कुछ बढ़ोतरी होगी। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पिछली सरकार ने वाम दलों के दवाब की वजह से फरवरी 2007 में गेहूं के वायदा कारोबार पर रोक लगा दी थी।
वाम दलों का कहना था कि वायदा कारोबार की वजह से गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। महंगाई को मापने वाले थोक मूल्य सूचकांक में गेहूं का 1.38 फीसदी भार है। जब गेहूं का वायदा कारोबार प्रतिबंधित किया गया था, उस वक्त गेहूं पर सबसे ज्यादा दांव लगाया जा रहा था।
देश के तीनों कमोडिटी एक्सचेंजों को वायदा बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) से गेहूं का वायदा कारोबार फिर शुरू करने का मंजूरी पत्र पहले ही प्राप्त हो चुका है। एमसीएक्स के प्रबंध निदेशक और सीईओ जोसेफ मैसी भी इस बात की पुष्टि करते हैं।
वह कहते हैं कि फिलहाल एक्सचेंज 6 डिलिवरी केंद्रों पर इसकी शुरुआत करेगा एनसीडीईएक्स के अधिकारी भी गेहूं वायदा शुरू होने की पुष्टि करते हैं। एक्सचेंज 10 टन तक के सौदे 20 पैसे के टिक साइज के हिसाब से करेगा। ये सौदे दिल्ली, अहमदाबाद, बरेली, इंदौर, इटारसी, कानपुर, सिरसा और गुजरात और मध्य प्रदेश के दूसरे शहरों के गोदामों से निपटाए जाएंगे।
गेहूं वायदा शुरू करने के मामले में फिलहाल एनएमसीई किसी भी तरह की जल्दबाजी में नहीं है। एनएमसीई के सीईओ अनिल मिश्रा कहते हैं, 'हम किसी जल्दबाजी में नहीं हैं। हम भी पुराने अनुबंधों की तर्ज पर ही गेहूं का वायदा कारोबार शुरू करेंगे।'
गेहूं के वायदा कारोबार पर पिछले हफ्ते हटाई गई रोक का जिंस बाजार ने खुले दिल से स्वागत किया है। कमोडिटीज ऐंड करेंसीज के सहायक निदेशक नवीन माथुर कहते हैं, 'यह एक सकारात्मक कदम है और इससे कृषि जिंसों के बास्केट में काफी फायदा होगा लेकिन गेहूं को 1,500 करोड़ रुपये के औसतन रोजाना कारोबार के स्तर को पाने में कुछ वक्त लग सकता है।'
जिस वक्त गेहूं के वायदा कारोबार पर रोक लगाई गई थी उस वक्त गेहूं का 1,500 करोड़ रुपये का औसतन वायदा कारोबार होता था।
छह महीने के लिए गेहूं का वायदा
दो साल बाद फिर शुरू होगा गेहूं वायदा कारोबारएनएमसीई में अगले हफ्ते से होगा शुरू कमोडिटी बाजार में खुशी का माहौलकृषि जिंसों के बास्केट में होगा सुधार (BS Hindi)
21 मई 2009
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