28 मई 2009
इंडोनेशिया में पाम उत्पादन दोगुना करने की योजना
इंडोनेशिया की योजना 2020 तक पाम तेल उत्पादन बढ़ाकर 4 करोड़ टन करने की है। उत्पादन बढ़ाने के लिए इंडोनेशिया ने प्रति हैक्टेयर पाम तेल पैदावार 3.5 टन से बढ़ाकर 4.5 करने का लक्ष्य रखा है। यह जानकारी पाम तेल उद्योग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है। इस बारे में जानकारी देते हुए इंडोनेशियन पाम तेल बोर्ड ने अध्यक्ष फ्रैंकी विदजाजा ने कहा कि तकरीबन 40 फीसदी उत्पादन छोटे किसानों द्वारा किया जाता है और उनकी पैदावार तीन टन प्रति हैक्टेयर से भी कम है। इसमें बढ़ोतरी करने की पूरी गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि उत्पादन बढ़ाने के मकसद से किसानों को एक सरकारी योजना के तहत अधिक पैदावार वाली बीज मुहैया कराए जा रहे हें। उन्होंने यह भी कहा कि हम बहुत जल्दी उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। पर इस योजना की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि पाम तेल के नए पेड़े कितने तेजी से पुराने पाम के पेड़ों का स्थान लेते हैं। इंडोनेशिया में 79 लाख हैक्टेयर पर पाम तेल का उत्पादन होता है। सरकार इस क्षेत्र को और बढ़ाना चाहती है लेकिन पर्यावरण समूहों की तरफ से उसे विरोध का सामना करना पड़ रहा है। विदजाजा ने कहा कि अगर हम प्रति हैक्टेयर चार टन पाम तेल का उत्पादन करने में सफल हो जाते हैं तो एक करोड़ हैक्टेयर के जरिए हम 2020 के लक्ष्य को पा सकते हैं। इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा पाम तेल उत्पादक है। इस सीजन में इंडोनेशिया का पाम तेल उत्पादन तकरीबन दो करोड़ टन रहने का अनुमान है। दूसरी ओर पाम की रिप्लांटेशन में बाधाएं भी खूब आ रही हैं। इंडोनेशिया के पिटलैंड में चल रहे पाम प्लांटेशन का काम कभी भी रुक सकता है। पाम ऑयल वाच ग्रुप द्वारा अनुमति नहीं मिलने से इसे जारी रहने की संभावना कम है। राउंड टेबल फॉर सस्टेनेबल पाम ऑयल (आरएसपीओ) की महासचिव वेंगिता राव के मुताबिक हालांकि इस मसले पर अंतिम फैसला रिपोर्ट आने के बाद ही होगा। गौरतलब है कि आरएसपीओ पाम तेल कांपनियों को आडिट करने वाली खास संस्था है। संस्था द्वारा कंपनियों को पाम तेल उत्पादन से जुड़े इन्वायरनमेंट फ्रेंडली तरीकों के बार में सुझाया जाता है। पिछले साल दिसंबर में इंडोनेशिया ने ऐसे स्थानों पर पाम की खेती पर लगा प्रतिबंध हटा लिया था। (Business Bhaskar)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें