नई दिल्ली May 25, 2009
नई सरकार गेहूं और चावल की रिकॉर्ड सरकारी खरीद के बावजूद इसके निर्यात पर लगे प्रतिबंध को नहीं हटाएगी। वह गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को सस्ती दरों पर अनाज दिलाएगी।
कृषि मंत्री शरद पवार ने आज कहा कि निर्यात पर से प्रतिबंध हटाने का सरकार का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि कच्चे पाम ऑयल और कच्चे सोयाबीन तेल का शुल्क मुक्त आयात भी जारी रहेगा।
गेहूं और चावल
पवार ने बताया कि आजादी के बाद पहली बार गेहूं व चावल की रिकॉर्डतोड़ सरकारी खरीद हुई है। 25 मई 2009 तक सरकार ने 233 लाख टन गेहूं और 291 लाख टन चावल की खरीदारी की है। उन्होंने कहा कि सरकार गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को वादे के मुताबिक प्रतिमाह 25 किलोग्राम चावल या गेहूं उपलब्ध कराएगी। लेकिन उनकी कीमत पर कुछ भी कहने से उन्होंने इनकार कर दिया।
खाद्य तेल
कच्चे पाम ऑयल और कच्चे सोयाबीन तेल के आयात पर शुल्क लगाने से भी पवार ने इनकार कर दिया। गौरतलब है कि वनस्पति तेल उत्पादक एवं कारोबारी दोनों तेलों पर 20 फीसदी आयात शुल्क लगाने की मांग कर रहे हैं।
चीनी
पवार ने चीनी की कीमत में बढ़ोतरी के लिए चीनी उत्पादन के चक्र को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि 3 साल गन्ने की फसल अच्छी रहती है और 2 साल कम हो जाती है। उन्होंने दिल्ली में चीनी के दामों पर चिंता जताई। दिल्ली में पिछले साल मई में 16 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिकने वाली चीनी 25 रुपये किलो तक पहुंच चुकी है। (BS Hindi)
26 मई 2009
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