20 मई 2009
इस साल 22 लाख टन अधिक खाद्य तेल का आयात
कोलकाता- भारत को 2008-09 तेल वर्ष (अक्टूबर से नवंबर) में पिछले साल के मुकाबले अतिरिक्त 22 लाख टन खाद्य तेल का आयात करना पड़ सकता है। पिछले साल भारत का खाद्य तेल का आयात 63 लाख टन पर रहा था। देश में खाद्य तेल की मांग तेजी से बढ़ रही है। इस बार खाद्य तेल की मांग 14 फीसदी बढ़कर 1.48 करोड़ टन हो जाने का अनुमान है। हालांकि उद्योग जगत का मानना है कि क्रूड खाद्य तेल के आयात को शुल्क के दायरे में ला दिया गया तो आयात अनुमान से कम रह सकता है। लगातार बढ़ रही घरेलू मांग और वैश्विक बाजार में तेजी, दोनों को देखते हुए सरकार ने खाद्य तेल की कीमतों को नियंत्रण में रखने के ए क्रूड खाद्य तेलों के ऊपर से आयात शुल्क हटा दिया है। खाद्य तेल के आयात पर देश की जरूरत के बारे में गोदरेज इंटरनेशनल के डायरेक्टर दोराब ई मिस्त्री का कहना है कि अक्टूबर तक खाद्य तेल का मासिक आयात 6.5 लाख टन से 7.5 लाख टन के बीच रह सकता है। अगर ऐसा होता है, तो साल भर में देश का आयात 82 से 85 लाख टन के बीच रहेगा। हालांकि उन्होंने कहा कि अगर नई सरकार ने क्रूड वेजिटेबल ऑयल, मुख्यतौर पर क्रूड पाम ऑयल और सोयाबीन ऑयल पर 10-20 फीसदी का आयात शुल्क लगा दिया तो इससे घरेलू बाजार में कीमतों में तेजी आ सकती है। मिस्त्री का कहना है कि भारतीय बाजार कीमतों को लेकर काफी संवेदनशील है, इससे घरेलू उपभोग पर भी असर पड़ेगा और आयात में भी कमी आएगी। इस साल खाद्य तेल का आयात बढ़ने की एक वजह और है कि घरेलू स्त्रोतों से आपूतिर् कम हो सकती है। पिछले साल घरेलू स्त्रोतों से आपूर्ति 71.4 लाख टन थी, लेकिन इस बार आपूर्ति 66 लाख टन रहने का ही अनुमान है। लेकिन इन सबके बीच किसानों के लिए एक अच्छी खबर रही कि दुनिया भर में तेल की कीमतों में उछाल से उन्हें अपनी फसल की अच्छी कीमत मिली। (ET Hindi)
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