21 मई 2009
गन्ने की वैधानिक कीमत 26 रुपये बढ़ाने की तैयारी
देश में गन्ने का उत्पादन बढ़ाने के मकसद से प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति ने अगले सीजन के लिए वैधानिक न्यूनतम मूल्य (एसएमपी) 107 रुपये प्रति क्विंटल तय करने का सुझाव दिया है। खाद्य मंत्रालय ने गन्ने का एसएमपी 81.18 रुपये से बढ़ाकर 107.76 रुपये प्रति क्विंटल तय करने की सिफारिश की थी।सरकारी सूत्रों के मुताबिक इस सहमति के बाद खाद्य मंत्रालय अब इस प्रस्ताव को नई सरकार बनने के बाद कैबिनेट के समक्ष पेश करगा। चालू सीजन के लिए गन्ने का एसएमपी 81.18 रुपये प्रति क्विंटल है। सूत्रों के मुताबिक 23 फरवरी को तत्कालीन सरकार की कैबिनेट की हुई बैठक में इस मसले पर कुछ मंत्रालयों की आपत्ति को देखते हुए इसे परिषद के सामने रखा गया था। हालांकि पीएमओ ने कृषि मूल्य लागत आयोग (सीएसीपी) के सुझाव पर सहमति नहीं जताई है।सूत्रों के मुताबिक आयोग ने गन्ने के एसएमपी में करीब 33 फीसदी इजाफा कर इसे 125 रुपये प्रति क्विंटल करने का सुझाव दिया था। लेकिन पीएमओ ने गन्ना उत्पादन लागत में किसी तरह का इजाफा नहीं होने का हवाला देकर आयोग के प्रस्ताव पर असहमति जताई थी। पीएमओ का तर्क है कि इस बढ़त से घरलू बाजार में चीनी की कीमतों में तगड़ा इजाफा हो सकता है। जिससे सरकार को रियायती दरों पर चीनी का आयात करना पड़ सकता है। इस दौरान भारतीय चीनी मिल संघ ने सरकार से जल्द से जल्द चीनी का एसएमपी की घोषणा करने की मांग की है। संघ का मानना है कि इससे देश में गन्ने के रकबे में इजाफा हो सकता है। गौरतलब है कि इस साल गन्ने की किल्लत से यूपी की मिलों को 155-160 रुपये प्रति क्विंटल तक का कीमत देनी पड़ी है जो राज्य के परामर्श मूल्य से भी ज्यादा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ने का एसएपी 140 रुपये प्रति क्विंटल रखा है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की एसएमपी की तरह राज्य सरकार भी गन्ने की एसएपी तय कर सकता है। (Business Bhaskar)
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