मुंबई May 19, 2009
कच्चे पाम तेल की कीमतों में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी की संभावना है।
जकार्ता में गोदरेज इंटरनेशनल के निदेशक और खाद्य तेल के विशेषज्ञ दोराब मिस्त्री के अनुसार इस साल मलेशिया, इंडोनेशिया, अर्जेंटीना और यूक्रेन जो कच्चे पाम तेल के उत्पादन का मुख्य केंद्र है, वहां उत्पादन कम होने की वजह से कीमतें 3000 रिंगिट से भी ज्यादा बढ़ जाएंगी।
मलेशिया और इंडोनेशिया में कच्चे पाम तेल का उत्पादन अगस्त से शुरू होगा और कमी की रिकवरी भी हो जाएगी। मिस्त्री का अनुमान है कि वर्ष 2009 में मलेशिया के कच्चे तेल का उत्पादन लगभग 1.75 करोड़ टन है जो पिछले साल से लगभग ढाई लाख टन कम है। हालांकि इंडोनेशिया में उत्पादन पहले के 2.2 करोड़ टन के अनुमान की तुलना में 2.15 करोड़ टन तक सीमित हो सकता है।
अर्जेंटिना में सोया फसल के उत्पादन में पिछले 4.3 करोड़ टन के अनुमान में 1 करोड़ टन तक की कमी होने की संभावना है। इसका मतलब यह है कि अगस्त तक आपूर्ति बेहद सीमित रहेगी। मिस्त्री का कहना है, 'अगस्त से उत्पादन के जरिए रिकवरी शुरू होगी। वैसे हमें यह जरूर समझना होगी की इस साल की अगली छमाही में पाम उत्पादन हल का एक हिस्सा है और यह आपूर्ति की समस्या का एक भाग नहीं है।'
उनके अनुमान के मुताबिक स्टॉक की सीमा कम होने की वजह से बाजार धारणा प्रभावित होगी और कीमतों में बढ़ोतरी होगी। ऐसा नवंबर तक चलेगा जब तक की भंडार की स्थिति बेहतर नहीं हो जाए। मिस्त्री का कहना है कि नवंबर के बाद भी मलेशिया के पाम तेल के भंडार के 18 लाख टन बढ़ने की संभावना नहीं है। खासतौर पर इसके आयात पर निर्भर भारत में खाद्य तेल की खपत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
ऐसा तब से ज्यादा हो रहा है जब से स्थानीय सरकार ने कर मुक्त आयात की इजाजत दे दी है। मौजूदा तेल वर्ष में प्रति व्यक्ति खाद्य तेल के उपभोग में 12 फीसदी तक की बढ़ोतरी की संभावना दिख रही है। पिछले साल प्रति व्यक्ति खाद्य तेल की खपत भी 12.78 किलोग्राम थी जो पिछले साल 11.40 किलोग्राम थी।
हालांकि देश में पाम तेल के उत्पादन में पिछले साल के 71 लाख टन के मुकाबले 66 लाख टन की कमी की संभावना है। इस तरह आयात पर निर्भरता बढ़ सकती है। कुल आयात पिछले साल के 63 लाख टन के मुकाबले इस साल 85 लाख टन तक होने की संभावना है।
कीमतों में बढ़ोतरी के असर से बुर्सा मलेशिया के खरीदारों को प्रोत्साहित नहीं किया जा सका। वहां अगस्त अनुबंध बेंचमार्क में 82 रिंगिट की गिरावट आई और निचले स्तर पर 2,513 रिंगिट तक होने के बाद यह 2,530 रिंगिट प्रति टन पर पहुंच गई। मलेशिया के बाजार में मई और जून के पाम तेल का कारोबार नहीं हुआ और बोली की कीमत भी 2,650 2,700 रिंगिट प्रति टन थी।
वैश्विक चलन के रुख के मुताबिक नेशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज पर जून के सोयातेल के अनुबंध में 1.13 फीसदी तक की गिरावट आई और इसका कारोबार 499.95 रुपये प्रति 10 किलोग्राम रहा जबकि जून में डिलिवरी के लिए सोयाबीन अनुबंध में 1.46 फीसदी तक की गिरावट आई और यह 2693 रुपये प्रति क्विंटल तक की गिरावट आई। (BS Hindi)
20 मई 2009
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