अहमदाबाद May 28, 2009
वर्ष 2008-09 में कपास की ज्यादा कीमतें मिलने की वजह से ज्यादा से ज्यादा किसान इस फसल को उगाने का विकल्प चुन सकते हैं।
पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात में कपास की बुआई पहले ही हो चुकी है। पिछले वित्तीय वर्ष में स्थिर कीमतों के चलन के मद्देनजर कपास उद्योग के खिलाड़ियों को वित्त वर्ष 2009-10 में कपास के रकबे में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) के पूर्व अध्यक्ष पी. डी. पटोदिया का कहना है, 'उत्तरी भारत के कुछ राज्यों मसलन पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कपास की बुआई शुरू हो चुकी है। इस साल का रुझान बेहतर दिखाई दे रहा है और कपास के रक बे और पैदावार में बढ़ोतरी होनी चाहिए।'
कनफेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल्स इंडस्ट्रीज के महासचिव डी के नायर का कहना है, 'वर्ष 2009-10 में कपास की खेती के रकबे में बढ़ोतरी होगी और पिछले साल किसानों को भी बेहतर मुनाफा हुआ। इस साल मानसून भी समय पर आ गया है।' जहां कपास की बुआई हो रही है वहां सिंचाई की सुविधाएं मौजूद है।
अहमदाबाद की एक बड़ी कपास कारोबार की कंपनी, अरुण दलाल ऐंड कंपनी के मालिक अरुण दलाल का कहना है, 'गुजरात के कुछ क्षेत्रों मसलन भरुच, मध्य गुजरात और सौराष्ट्र के क्षेत्रों में कपास की बुआई हो गई है। अनुमान है कि वर्ष 2009-10 में कपास के रबके में लगभग 3 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।'
वर्ष 2008-09 में लगभग 92.6 लाख हेक्टेयर जमीन पर कपास की खेती की गई। सेंट्रल गुजरात कपास डीलर्स एसोसिएशन (सीजीसीडीए) के किशोर शाह का क हना है, 'कपास की न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी से किसानों को बेहतर मुनाफा मिला है।
पिछले वित्तीय वर्ष में स्थिर कीमतों के मद्देनजर यह संभावना है कि वर्ष 2009-10 में देश के कपास के रकबे में 95 लाख हेक्टेयर तक का उछाल आ सकता है। महाराष्ट्र ओर आंध्र प्रदेश ऐसे दो राज्य हैं जहां इस साल ज्यादा से ज्यादा किसान कपास की फसल लगाएंगे।'
शाह का कहना है, 'पिछले वित्तीय वर्ष में महाराष्ट्र में सोयाबीन की बुआई में बढ़ोतरी हुई लेकिन किसानों को कपास किसान के मुकाबले बेहतर मुनाफा नहीं मिल सका। महाराष्ट्र के किसान इस साल कपास की खेती की ओर रुख कर सक ते हैं। ठीक ऐसी ही स्थिति आंध्र प्रदेश में तंबाकू किसानों के साथ हुई।'
ऐसा अनुमान था कि कपास का उत्पादन वर्ष 2008-09 में कम से कम 290 लाख गांठ तक हुआ है जो वर्ष 2007-08 में 315 लाख गांठ थी। हालांकि इस उद्योग के खिलाड़ियों का ऐसा अनुमान है कि वर्ष 2009-10 में 340 लाख गांठ तक का उत्पादन हो सकता है। पिछले साल कपास की पैदावार कीटों और खराब मौसम की वजह से प्रभावित हुई थी।
किसानों से उम्मीद
पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात में कपास की बेहतर बुआई कीमतें ज्यादा मिलने की वजह से किसानों ने किया कपास का रुखमानसून बेहतर रहने के बन रहे हैं (BS Hindi)
28 मई 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें