नई दिल्ली May 29, 2009
भारत में गेहूं का वायदा कारोबार तकरीबन सवा दो साल बाद शुरू किया गया है और पहले ही दिन से कारोबारियों ने इसमें खासी दिलचस्पी दिखाई है।
एमसीएक्स में पहले ही दिन से गेहूं के सौदों में इजाफा हुआ है। कारोबारियों के लिए एक साथ छह अनुबंध- जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर उपलब्ध कराया है।
देश के सबसे बड़े कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स ने गेहूं के वायदा कारोबार के बारे में विस्तार से जानकारी देने के लिए कोटा, इंदौर, दिल्ली और पंजाब के खन्ना में एक जागरूकता कार्यक्रम चलाया है।
गुरूवार को दिल्ली में आयोजित ऐसे ही एक आयोजन में कारोबारी समुदाय, विभिन्न कंपनियों, जिनमें आईटीसी, शक्तिभोग, ब्रिटैनिया, पारले-जी आदि शामिल थे, और उत्पादकों ने हिस्सा लिया।
उल्लेखनीय है कि देश के हाजिर बाजार में गेहूं की कीमतें साल 2001 में बढ़नी शुरू हुई और साल 2006 की अंतिम तिमाही में यह 1,000 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गई थी।
गेहूं की कीमतों में बेतहाशा हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए भारत सरकार ने 2007 की शुरुआत में गेहूं वायदा पर प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार का मानना था कि गेहूं की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी की एक वजह इसका वायदा कारोबार भी है। (BS Hindi)
30 मई 2009
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