लखनऊ May 20, 2009
चुनाव खत्म होने के बाद जहां उत्तर प्रदेश में गेहूं खरीद की सुस्ती खत्म होते दिखने लगी है वही राज्य सरकार को भंडारण की परेशानी से जूझना पड़ सकता है।
इस साल राज्य सरकार को कुल 32 लाख टन गेहूं की खरीद करनी है और खरीद की समय सीमा को बढ़ा कर 30 जून कर दिए जाने के आशा की जा रही है कि लक्ष्य को आसानी से पा लिया जाएगा।
ऐसे में एक बड़ी परेशानी गेहूं के भंडारण को लेकर हो रही है। राज्य सरकार के अपने गोदाम पहले से ही चावल से भरे हैं। उत्तर प्रदेश में कुल 25 लाख टन अनाज के भंडारण की क्षमता है और इन गोदामों में पहले से 12 लाख टन चावल मौजूद है।
सरकार का मानना है कि 30 जून तक गेहूं की खरीद का आंकड़ा 16 लाख टन पार कर जाएगा जिसे गोदामों में रखना एक बड़ी चुनौती होगा। गेहूं के साथ-साथ चावल की भी खरीद सरकारी स्तर पर चल रही है।
अलग-अलग सरकारी एजेंसियां हर रोज 20 से 30000 टन चावल की भी खरीद कर रही हैं। अगर सरकारी अधिकारियों की मानें तो 30 जून तक प्रदेश की भंडारण क्षमता 25 लाख टन से कम से कम 8 लाख टन अधिक अनाज की आवक होगी जिसे रखना एक बड़ी चुनौती होगा।
राज्य सरकार के उपक्रम राज्य भंडारण निगम के पास इस समय कुल 152 गोदाम हैं जिनमें ज्यादातर चावल भरा है। भंडारण के लिहाज से सबसे ज्यादा क्षमता लखनऊ और बरेली मंडल की है जहां पांच-पांच लाख टन अनाज रखा जा सकता है। पर इस समय के हालात को देखते हुए इस समय बरेली में सभी गोदामों में तीन लाख टन चावल भरा है और ऐसे में यहां केवल दो लाख टन गेहूं ही रखा जा सकता है।
लखनऊ में हालात कुछ ऐसे ही हैं जहां सरकार की सारी कोशिशों के बावजूद तीन लाख टन से ज्यादा गेहूं नहीं रखा जा सकता है। मुश्किलों को देखते हुए राज्य सरकार ने पहले से ही प्रदेश की 14 हवाई पट्टियों पर अनाज के भंडारण का फैसला कर लिया है।
साथ ही सरकार निजी गोदामों को भी भंडारण के लिए लेने पर विचार कर रही है। पर राज्य भंडारण निगम के अधिकारियों का कहना है कि निजी गोदामों को लेने से भी समस्या हल होने वाली नहीं है और एक बार फिर से पिछले साल की तरह सरकार को खुले में गेहूं का भंडारण करना पड़ेगा।
भंडारण निगम के कर्मचारियों का कहना है कि बरेली मंडल में आ रहे अतिरिक्त गेहूं के भंडारण के लिए शाहजहांपुर में बबराला कस्बे में खुले स्थान पर पक्का चबूतरा बना कर गेहूं रखने की योजना है। इसी तरह की व्यवस्था बाकी जगहों पर भी की जाएगी।
हालांकि राज्य सरकार ने समय से पहले समस्या का आकलन करते हुए कुशीनगर में भंडारण गृह बनाने का प्रस्ताव तैयार किया था पर चुनाव आचार संहिता लग जाने के चलते इसका निर्माण नही हो सका है। (BS Hindi)
21 मई 2009
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