23 मई 2009
शुल्क मुक्त चीनी का आयात अक्टूबर तक हो सकेगा
सरकार देश में चीनी की सुलभता बेहतर बनाए रखने के मकसद से सरकारी ट्रेडिंग कंपनियों को आयात करने के लिए तीन माह का समय और दे सकती है। सार्वजनिक क्षेत्र की फर्म एसटीसी, एमएमटीसी और पीईसी अक्टूबर तक शुल्क मुक्त चीनी आयात कर सकेंगी। सूत्रों के मुताबिक सरकार इन कंपनियों को 15 लाख टन तक चीनी आयात करने की अनुमति दे सकती है।घरेलू बाजार में चीनी की उपलब्धता बनाए रखने और इसके दामों को काबू में रखने के मकसद से सरकार मिलों द्वारा शुल्क मुक्त रॉ शुगर आयात करने की समय सीमा भी बढ़ाकर दिसंबर तक कर सकती है। पहले 31 जुलाई तक रॉ शुगर आयात करने की समय सीमा तय की गई थी। विगत 9 अप्रैल को कैबिनेट ने तीन सरकारी कंपनियों को 31 जुलाई तक दस लाख टन सीमा शुल्क मुक्त चीनी आयात करने की अनुमति दी थी। इसके अलावा कैबिनेट ने प्राइवेट सेक्टर को ओपन जनरल लाइसेंस के जरिए शुल्क मुक्त रॉ शुगर आयात करने की अनुमति दी थी।एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक खाद्य मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय में आयात की चीनी की मात्रा बढ़ाकर 15 लाख टन करने पर भी बातचीत चल रही है। अगर दोनों मंत्रालय में सहमति बन जाती है तो यह प्रस्ताव आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति के समक्ष रखा जाएगा। वाणिज्य मंत्रालय ने शुल्क मुक्त चीनी आयात में निजी क्षेत्र की भागीदारी की भी सिफारिश की है। अधिकारी के मुताबिक एमएमटीसी, एसटीसी और पीईसी ने एक अगस्त से पहले दस लाख टन चीनी आयात करने का लक्ष्य पूरा करने में असमर्थता जताई है। ये तीनों कंपनियां पहली अगस्त तक दो लाख टन तक चीनी आयात कर सकती हैं। ऐसे में वाणिज्य मंत्रालय चाहता है कि बचे हुए आठ लाख टन चीनी आयात करने का काम निजी क्षेत्र को सौंपा जाए। अभी तक सार्वजनिक क्षेत्र की फर्मे ने जून के आखिर तक 56,000 टन चीनी आयात करने का सौदा किया है। (Business Bhaskar)
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