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20 मई 2009

तेजी के रास्ते पर चले गेहूं, चावल और चीनी

नई दिल्ली May 19, 2009
नई सरकार के उत्साह से सिर्फ सेंसेक्स ही नहीं कई जिंसों की कीमतों में भी उछाल के संकेत मिलने लगे हैं।
सोमवार को हाजिर बाजार में चीनी व चावल में मजबूती का रुख रहा तो खाद्य तेल व गेहूं के भाव भी मजबूत होने की संभावना है। वायदा बाजार में एक-दो जिंसों को छोड़ सभी जिंसों के मूल्यों में गिरावट का रुख रहा।
चीनी
सोमवार को चीनी की कीमतों में 2 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी हुई। शनिवार को चीनी की थोक कीमत 2400 रुपये प्रति क्विंटल थी जो सोमवार को 2600 रुपये प्रति क्विंटल हो गयी। चीनी के थोक कारोबारियों के मुताबिक चुनाव को लेकर सरकार लगातार कोटे जारी कर और आयात की घोषणा से बाजार को धीमा रखना चाहती थी।
फिलहाल चीनी के स्टॉक व मांग को देखते हुए कीमत में हर सप्ताह 1 रुपये प्रति किलोग्राम तक की बढ़ोतरी हो सकती है। जुलाई,अगस्त, सितंबर के लिए 10-15 लाख टन आयात को जोड़ने के बाद सरकार के पास बामुश्किल 50 टन का स्टॉक बनता है औैर60 लाख टन से ज्यादा जरूरत होगी।
चावल
पूसा-1121 के धान की कीमत में सोमवार को 100-150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गयी। इसके भाव उछाल के साथ 3000 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गए।
हरियाणा राइस मिल के पदाधिकारी दिनेश गुप्ता कहते हैं, 'चावल में तेजी आई है। नई सरकार बासमती चावल के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य एवं गैर बासमती चावल के निर्यात की पाबंदी हटा सकती है। सरकार ने चुनाव के बाद पाबंदी हटाने का संकेत दिया था।
दिल्ली अनाज मंडी के पूर्व पदाधिकारी ओम प्रकाश जैन कहते हैं, 'चावल में तेजी तय है। निर्यात की घोषणा होते ही चावल की कीमत मजबूती होगी।' पिछले साल के मुकाबले बासमती चावल की कीमत में 20-30 रुपये प्रति किलोग्राम तो साधारण चावल में 3-5 रुपये प्रति किलोग्राम तक की गिरावट है।
वनस्पति तेल
वनस्पति तेलों में क्रूड पाम ऑयल (सीपीओ) व क्रूड सोया तेल के आयात पर शुल्क लगने की पूरी उम्मीद है। पिछले छह महीनों से खाद्य तेल कारोबारी सीपीओ व सोया तेल के आयात पर 20 फीसदी तक शुल्क लगाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन कीमत पर अंकुश रखने के लिहाज से सरकार कारोबारियों की मांग की लगातार अनदेखी करती रही।
पिछले साल मई माह में 75 व 65 रुपये प्रति किलोग्राम बिकने वाले सरसों व सोया तेल इस साल मई में 47-48 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहे हैं। तेल के थोक कारोबारी हेमंत गुप्ता कहते हैं, ' सरकार ने कीमत कम करने के लिए तेलों के आयात को शुल्क मुक्त कर दिया था लेकिन अभी कीमत पहले से ही जमीन पर है। आने वाले 15 दिनों में मलेशिया में पाम ऑयल की नई आवक शुरू होने से कीमत में गिरावट होगी। यह समय आयात शुल्क लगाने के लिए सबसे सही होगा। मंदी में चल रही सरकार को भी राजस्व मिलेगा।'
गेहूं
दिल्ली अनाज मंडी में गेहूं के थोक कारोबारी महेश गोयल कहते हैं, गेहूं में तेजी आएगी। सरकार ने गेहूं का वायदा कारोबार खोल दिया है। जल्द ही गेहूं की निर्यात अनुमति भी दी जा सकती है।
हालांकि कारोबारी यह भी कहते हैं कि विश्व में गेहंद का उत्पादन इस साल पिछले साल के मुकाबले 6-7 फीसदी ज्यादा है और न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ने से गेहूं का निर्यात मूल्य 13-14 रुपये प्रति किलोग्राम होगा। और इस भाव में अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात होने की कम ही उम्मीद है। फिर भी निर्यात पर लगी पाबंदी के हटने व वायदा कारोबार शुरु होने से बाजार में एक जोश आएगा। (BS Hindi)

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