21 मई 2009
गेहूं वायदा कारोबार आज से शुरू
गेहूं के वायदा कारोबार को सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद वायदा व्यापार आयोग (एफएमसी) ने मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स), नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) और नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एनएमसीई) को कारोबार शुरू करने की औपचारिक अनुमति दे दी। इसके बाद एमसीएक्स व एनसीडीईएक्स ने गुरुवार से गेहूं का वायदा कारोबार शुरू करने की घोषणा की है। गेहूं के भाव में बेतहाशा वृद्धि होते देख सरकार ने फरवरी फ्क्क्त्त में गेहूं के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगा दिया था। जानकारों का कहना है कि गेहूं वायदा कारोबार शुरू होने का फायदा इस सीजन में किसानों को मिल पाने की संभावना बहुत कम है क्योंकि गेहूं अब किसानों के हाथों से निकल चुका है। अब इसका लाभ देश के व्यापारियों को ही मिल पाएगा, जिन्होंने गेहूं का भंडारण कर रखा है। एफएमसी के चेयरमैन बी.सी. खटुआ के मुताबिक गेहूं की फसल बाजार में आने के साथ ही वायदा कारोबार प्रारंभ होना चाहिए था लेकिन चुनाव के कारण यह मामला अधर में लटक गया। एमसीएक्स के प्रबंध निदेशक जोसेफ मैसी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि एक्सचेंज में जून से नवंबर तक के छह अनुबंधों के लिए वायदा बारोबार शुरू हो रहा है। इन अनुबंधों में डिलीवरी अनिवार्य होगी। इसका डिलीवरी केंद्र दिल्ली के अलावा खन्ना, करनाल, कोटा और इंदौर हैं। इसकी ट्रेडिंग इकाई ख्क् टन, टिक साइज ख्क् पैसे होगा। गेहूं वायदा के लिए मार्जिन म् फीसदी और भाव प्रति `िंटल में होगा। गेहूं की वेरायटी स्टैंडर्ड मिल क्वालिटी होगी। उन्होंने कहा कि देश में गेहूं का हाजिर बाजार अत्यंत विकसित है इसलिए बेहतर भाव खोजने के लिए वायदा भी जरूरी है। गेहूं आधारित उद्योगों जैसे आटा चक्कियों और बिस्कुट निर्माताओं के लिए गेहूं वायदा सुविधाजनक होगा। एनसीडीईएक्स ने भी गेहूं के लिए जून से नवंबर का कांट्रेक्ट शुरू करने का फैसला किया है। गेहूं वायदा के लिए पोजीशन लिमिट ब्क्,क्क्क् मेट्रिक टन रखी गई है। इसका मुख्य डिलीवरी केंद्र दिल्ली होगा जबकि अन्य केंद्रों में अहमदाबाद, पंजाब, इंदौर, इटारसी, कानपुर, कोटा, मोगा, राजकोट, शाहजहांपुर शामिल हैं।मालूम हो कि चालू खरीद सीजन में एफसीआई न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अभी तक 229.54 लाख टन की रिकार्ड खरीद कर चुकी है। पिछले साल कुल खरीद फ्फ्स्त्र.8भ् लाख टन की हुई थी। इसके अलावा पहली अप्रैल को सरकारी गोदामों में 138 लाख टन गेहूं का स्टॉक बचा हुआ था।वायदा शुरू होने से पहले ही गेहूं तेजनई दिल्ली। उत्पादक राज्यों की मंडियों में आवक घटने और दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों की मांग बढ़ने से गेहूं के भावों में 40-50 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार आया है। केंद्र द्वारा गेहूं के वायदा व्यापार पर लगी रोक को हटाने तथा प्राइवेट निर्यायकों को निर्यात की अनुमति देने से भी तेजी को बल मिला है। हालांकि सरकार के पास गेहूं का बंपर स्टॉक मौजूद है तथा स्टॉक को हल्का करने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) जुलाई-अगस्त से खुले बाजार में गेहूं की बिक्री शुरू कर सकती है। ऐसे में मौजूदा भावों में 25-30 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार और आ सकता है लेकिन भारी तेजी की संभावना नहीं है। बंगलुरू के गेहूं व्यापारी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों द्वारा उत्तर प्रदेश की शाहजंहापुर, कानपुर और घौंडा लाइन की मंडियों से गेहूं की खरीद बढ़ने से इन मंडियों में गेहूं के भाव बढ़कर 980-1000 रुपये क्विंटल हो गये। हालांकि एमएसपी के मुकाबले अभी भी भाव 80-100 रुपये प्रति क्विंटल नीचे हैं। केंद्र ने गेहूं का एमएसपी 1080 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। दक्षिण भारत के लिए इन लाइन की मंडियों से पिछले एक सप्ताह में करीब दस रैक के सौदे हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश की मंडियों में दाम बढ़ने के असर से दक्षिण भारत के राज्यों में भी भाव तेज हो गये। बंगलुरू पहुंच गेहूं के भाव बढ़कर 1270-1275 रुपये, सेलम पहुंच 1260-1265 रुपये, हैदराबाद पहुंच 1240-1250 रुपये तथा कोयंबटूर पहुंच 1275-1280 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। रोलर फ्लोर मिलर्स फैडरेशन ऑफ इंडिया की सचिव वीणा शर्मा ने बताया कि एफसीआई के पास गेहूं का बंपर स्टॉक हो चुका है। इसलिए एफसीआई को स्टॉक हल्का करने के लिए खुले बाजार के लिए गेहूं की बिक्री शुरू कर देनी चाहिए। (Business Bhaskar....)
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