29 मई 2009
गेहूं वायदा में अग्रणी बनने को एक्सचेंजों में तर्क युद्ध
गेहूं वायदा शुरू होने के बाद देश के दो प्रमुख एक्सचेंजों के बीच अग्रणी होने के लिए परस्पर विरोधी दावों की होड़ लग गई है। एक ओर जहां मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) गेहूं वायदा कारोबार के मामले में अग्रणी होने का दावा कर रहा है, वहीं नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) खड़े सौदों (ओपन इंटरेस्ट) के मामले में अग्रणी होने का दावा कर रहा है। ओपन इंटरस्ट दरअसल खरीद और बिक्री के वे फ्यूचर सौदे हैं जिनका निपटान नहीं हुआ है।एनसीडीईएक्स का कहना है कि एमसीएक्स में भले ही गेहूं का ट्रेडिंग वॉल्यूम अधिक रहा हो लेकिन उनके यहां ओपन इंटरस्ट अधिक है, जो ट्रेडिंग वॉल्यूम से अधिक महत्वपूर्ण है। एक्सचेंजों से मिले आंकड़ों के मुताबिक गेहूं वायदा शुरू होने के पहले ही दिन 21 मई को जहां एमसीएक्स में ब्ब् करोड़ रुपए का वायदा करोबार हुआ वहीं एनसीडीईएक्स में फ्त्त करोड़ का कारोबार हुआ। दूसर दिन भी एमसीएक्स में फ्भ् करोड़ रुपए का वायदा कारोबार हुआ जबकि एनसीडीईएक्स में ख्त्त करोड़ का कारोबार हुआ। लेकिन यदि दोनों एक्सचेंजों के ओपन इंटरस्ट के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो इसके विपरीत परिणाम देखने को मिलते हैं। फ्ख् मई को एनसीडीईएक्स में ओपन इंटरेस्ट 8,99क् टन रहा जबकि एमसीएक्स में स्त्र,फ्8क् मेट्रिक टन रहा। फ्फ् मई को भी एनसीडीईएक्स में ख्ब्,8फ्क् टन का ओपन इंटरेस्ट रहा जबकि एमसीएक्स में 9,फ्8क् मेट्रिक टन का ओपन इंटरेस्ट रहा। इसी प्रकार फ्ब् व फ्भ् मई को भी एनसीडीईएक्स में ओपन इंटरेस्ट एमसीएक्स से अधिक रहा।एनसीडीईएक्स के मुख्य बिजनेस अधिकारी अनुपम कौशिक का दावा है कि ट्रेडिंग ट्रेडिंग से अधिक महत्वपूर्ण ओपन इंटरस्ट है। उधर, एमसीएक्स के मुख्य बिजनेस अधिकारी सुमेश परसरामपुरिया का दावा है कि एमसीएक्स वायदा सौदे को बढ़ाने के लिए काफी दिनों से देश भर में जागरूकता अभियान चला रहा है और विभिन्न एसोसिएशनों से गठजोड़ कर वायदा कारोबार को बढ़ावा दे रहा है जबकि दूसर एक्सचेंजों में इस तरह की पहले नहीं हो रही है। (Business Bhaskar)
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