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28 मई 2009

गेहूं व चावल का बफर स्टॉक बढ़ाने की तैयारी

नई दिल्ली। इस साल देश में रिकॉर्ड 565 लाख टन खाद्यान्न की खरीद को ध्यान में रखकर सरकार अगले एक माह के भीतर गेहूं व चावल के बफर स्टॉक नियमों में बदलाव करने जा रही है। इसके तहत खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की खातिर गेहूं व चावल का बफर स्टॉक बढ़ाया जाएगा।एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बुधवार को यहां बताया कि इस काम का जिम्मा एक तकनीकी समूह को सौंपा गया है। सरकार बफर स्टॉक में कितना इजाफा करने जा रही है, फिलहाल इसका खुलासा नहीं हो पाया है। हालांकि, सूत्रों का मानना है कि इस बार में जल्दी ही घोषणा हो सकती है। मौजूदा नियमों के मुताबिक हर तिमाही की शुरुआत में केंद्रीय पूल में इतना अनाज होना चाहिए जिससे कि उस तिमाही के दौरान सार्वजनिक वितरण प्रणाली और दूसरी योजनाओं में अनाज की पर्याप्त आपूर्ति हो सके। अप्रैल 2005 के बाद से अब तक चावल और गेहूं के बफर नियमों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। सरकार ने नेशनल सेंटर फॉर एग्रीकल्चरल इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी रिसर्च से इस पर अध्ययन करके सुझाव मांगे थे जिस पर उपयरुक्त तकनीक समूह गौर फरमा रहा है। नियमों के मुताबिक एक जनवरी को केंद्रीय पूल में 118 लाख टन, एक अप्रैल को 122 लाख टन, एक जुलाई को 98 लाख टन और एक अक्टूबर को 52 लाख टन चावल का न्यूनतम बफर स्टॉक होना चाहिए। ऐसे ही गेहूं के मामले में भी स्टॉक तय किया गया है। एक जनवरी को 82 लाख टन, एक अप्रैल को 40 लाख टन, एक जुलाई को 171 लाख टन और एक अक्टूबर को 110 लाख टन गेहूं का न्यूनतम बफर स्टॉक होना चाहिए। इस साल देश में करीब 240 लाख टन गेहूं, 310 लाख टन चावल और 15 लाख टन मोटे अनाजों की सरकारी खरीद होने का अनुमान है। (Buisness Bhaskar)

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