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14 मई 2009

गेहूं निर्यातकों को सब्सिडी नहीं

गेहूं निर्यात के लिए केंद्र सरकार प्राइवेट कंपनियों को सब्सिडी देने को तैयार नहीं है। विश्व बाजार में गेहूं के भाव भारतीय बाजार के मूल्य से काफी कम होने के कारण उद्योग सब्सिडी देने की मांग कर रहा है। साल 2007 के बाद से भारत से गेहूं निर्यात प्रतिबंधित है। लेकिन इस साल बंपर पैदावार होने से सरकार गेहूं निर्यात पर कुछ राहत दे रही है। गौरतलब है कि मौजूदा समय में गेहूं की घरलू कीमतें वैश्विक बाजार के मुकाबले काफी तेज हैं। ऐसे में निर्यातकों ने सरकार से निर्यात पर सब्सिडी की मांग की थी। सूत्रों के मुताबिक निजी निर्यातक गेहूं खरीद पर भी सरकार से रियायत की मांग की थी। रोलर फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन की सचिव वीणा शर्मा के मुताबिक कारोबारियों को खुले बाजारों में गेहूं खरीदकर निर्यात करना पड़ता है जो इस समय फायदेमंद बिल्कुल नहीं है। मौजूदा समय में वैश्विक बाजारों में भारतीय गेहूं की कीमत करीब 280 डॉलर प्रति टन बैठ रहा है जबकि विदेशी गेहूं का भाव करीब 190 डॉलर प्रति टन है। सूत्रों के मुताबिक सचिवों की एक समिति ने 20 लाख टन गेहूं निर्यात की अनुमति दी है। हालांकि गेहूं निर्यात के बारे में औपचारिक फैसला नई सरकार ही करेगी। कमोडिटी बाजार विश्लेषक एस. रघुरमन के मुताबिक भारत द्वारा विदेशी बाजारों में गेहूं पर करीब 15 फीसदी की रियायत देने पर ही कीमतें प्रतिस्पर्धी हो सकेंगी। कारोबारियों का मानना है कि सरकार द्वारा गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाए जाने की वजह से किसानों का ज्यादा झुकाव सरकारी खरीद केंद्रों की ओर है। सरकार किसानों से करीब 1,080 रुपये प्रति क्विंटल के भाव गेहूं की खरीद कर रही है। इस साल भी एफसीआई द्वारा पिछले साल के बराबर गेहूं खरीद करने की संभावना जताई जा रही है। देश में इस साल करीब 7.78 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन होने की संभावना है। पिछले साल यहां करीब 7.86 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन हुआ था।निर्यात पर औपचारिक फैसला नई सरकार करेगीनई दिल्ली। यूपीए सरकार ने गेहूं निर्यात के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। लेकिन नई सरकार की गठन के बाद इसके बार में औपचारिक फैसला होगा। विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी के अध्यक्षता वाले अधिकार प्राप्त मंत्रि समूह ने मार्च में ही इस मसले पर सहमति दे दी थी। इस दौरान सचिवों की समिति ने करीब बीस लाख टन गेहूं निर्यात की मंजूरी दी। समिति ने सुझाव दिया है कि यह गेहूं कारोबारियों द्वारा खुले बाजार से खरीदा हुआ होना चाहिए। इस फैसले के तहत सरकारी गोदामों के गेहूं का निर्यात नहीं होगा। वाणिज्य मंत्रालय के एक सूत्र के मुताबिक सरकार निर्यात पर सहमति जता चुकी है। लेकिन इसके बार में आधिकारिक घोषणा नई सरकार ही करगी। Business Bhaskar

1 टिप्पणी:

Pradeep Kumar ने कहा…

rochak khabar hai rana ji .