नई दिल्ली May 18, 2009
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की नयी सरकार से उद्योग जगत के साथ थोक एवं खुदरा कारोबारियों ने भी खासी उम्मीदें पाल रखीं हैं।
वनस्पति तेल बाजार से लेकर लोहा बाजार तक में मंदी छाई हुई है। किसी बाजार में सरकारी नीतियों के कारण सुस्ती छायी है तो किसी बाजार में अंतरराष्ट्रीय मंदी के कारण।
चावल हो या चीनी, हर कारोबारी अपने बाजार में तेजी देखना चाहता है, और चुनाव एवं महंगाई को लेकर व्यापार पर लगी कई पाबंदियों से एक बार फिर मुक्त होना चाहता है। ताकि जिंस बाजार फिर से खुली हवा में सांस ले सके। कारोबारी आखिर क्या चाहते हैं नई सरकार से :
'साधारण चावल के निर्यात पर लगी पाबंदी का खात्मा हो और बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य में कमी की जाए। निर्यात पर पाबंदी के कारण चावल उद्योग एवं कारोबारी दोनों ही तबाह हो रहे हैं।' - नरेश गुप्ता, चावल कारोबारी
'चीनी की कीमत पर अंकुश लगाने के लिए सरकार को वायदा कारोबार की कीमतों पर नियंत्रण करना चाहिए और कारोबारियों पर स्टॉक सीमा जैसी पुराने जमाने की पाबंदी को वापस ले लेना चाहिए। मुक्त व्यापार प्रणाली से ही चीनी कारोबारियों का हित हो सकता है।' - विक्की गुप्ता, थोक चीनी कारोबारी
'वनस्पति तेल के घरेलू कारोबार को बचाने के लिए कच्चे सोयाबीन तेल व कच्चे पाम ऑयल के आयात पर सरकार को कम से कम 20 फीसदी का आयात शुल्क लगा देना चाहिए। साथ ही रिफाइंड तेलों के आयात पर 7.5 फीसदी का आयात शुल्क लगना चाहिए।' - राजेश अग्रवाल, प्रवक्ता, सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन
'नयी सरकार को तत्काल प्रभाव से बुनियादी सुविधाएं यानी कि पुल, भवन व सड़क निर्माण का काम चालू करना चाहिए तभी लोहे का कारोबार मंदी की चपेट से बाहर निकल सकता है।' - सतीश गर्ग, लोहा कारोबारी
'सोने के कारोबार को बचाने के लिए नयी सरकार को सबसे पहले सोने की सट्टेबाजी पर नियंत्रण करना होगा। सट्टेबाजी दूर होने से ही सोने की कीमत असली रूप में आ पाएगी और तभी सर्राफा बाजार में रौनक लौटेगी।' - विमल गोयल, प्रधान, दिल्ली सर्राफा बाजार
'नई सरकार को देश के घरेलू कारोबार को पहली वरीयता देनी चाहिए और इनसे जुड़ी कठिनाइयों को दूर करने के लिए एक समय सीमा के अंदर रिपोर्ट देने को बाध्य विशेषज्ञ कमेटी का गठन होना चाहिए।' - प्रवीन खंडेलवाल, महासचिव, सीएआईटी
'नयी सरकार से यही उम्मीद है कि वह कारोबारियों को मंदी से निकाले। मंदी से कारोबारियों की हालत ऐसी हो गयी है कि उन्हें अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा है। जीएसटी लागू करने का मार्ग भी प्रशस्त करने के साथ इंस्पेक्टर राज से मुक्ति मिलनी चाहिए।' - रविंद्र बवेजा, अध्यक्ष, सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन (BS Hindi)
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