मुंबई May 18, 2009
शेयर बाजार की तेजी और डॉलर के मुकाबले रुपये में आई मजबूती से सोना, घरेलू बाजार में करीबन 400 रुपये प्रति 10 ग्राम लुढ़क गया। जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें स्थिर बनी रही।
केंद्र में स्थिर सरकार आने और लाल सलाम के सत्ता से दूर रहने की खबर से रुपये में और मजबूती देखने को मिल सकती है। जानकारों के अनुसार शेयर बाजार में तेजी, रुपये में मजबूती के साथ साथ अच्छी बरसात की संभावना के चलते कुछ दिनों तक कमोडिटी जिंसों के सामने लाल निशान दिखाई देता रह सकता है।
जबकि सोना इसी सप्ताह 14000 रुपये प्रति 10 ग्राम से भी नीचे जाने की उम्मीद जताई जा रही है। कमोडिटी बाजार में लगभग सभी जिंसों के वायदा और हाजिर बाजार में कीमतों में गिरावट देखने को मिली। एमसीएक्स और एनसीडीईएक्स दोनों प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंज में एग्री, एनर्जी और मेटल सूचकांक लाल निशान में ही दिखाई दिए। इसकी वजह बिकवाली बताई जाती रही है।
दरअसल, राजनीतिक अस्थिरता के बादल हटते ही निवेशक बाजार में कूद पड़े। सोने में निवेश करने वाले भी इक्विटी मार्केट में निवेश करने के लिए आकर्षित हुए, जिससे सोने में निवेशकों की संख्या कम हुए है। सोने की कीमतों में गिरावट की मुख्य वजह रुपये की मजबूती को बताया जा रहा है।
ऐंजल ब्रोकिंग के कमोडिटी रिसर्च प्रमुख अमर सिंह कहते हैं कि शेयर बाजार में आई तेजी और रुपये की मजबूती कमोडिटी मार्केट में लाल निशान ला दिये है। सिंह के अनुसार पूरी दुनिया में यह संदेश गया है कि भारत में राजनीतिक संकट खत्म हो गया है और सरकार पांच साल तक स्थिर रहने वाली है जिससे विकास दर में तेजी आएंगी और भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार होगा इसी बात का परिणाम रहा है कि रुपये में मजबूती दिखाई दी है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना की कीमतों में स्थिरता रहने के बावजूद घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में 400 रुपये तक की गिरावट होने की सबसे बड़ी वजह रुपया ही रहा है। सिंह के अनुसार सोना प्रति 10 ग्राम 14200 रुपये तक जा सकता है।
शेयरखान के कमोडिटी हेट मेहुल अग्रवाल कहते हैं कि दरअसल, शेयर बाजार में तेजी के पीछे इस बात की बड़ी भूमिका रही है कि इस बार सरकार में वामदलों का दखल नहीं होगा। निवेशक यह मानकर चल रहे हैं कि इस बार यूपीए सरकार बैंकिंग, पीएसयू में विनिवेश, इन्फ्रास्ट्रक्टर, रिटेल और इंश्योरेंस जैसे क्षेत्र में बिना किसी विरोध के सुधारों को लागू कर पाएंगी।
निवेशक इसी उम्मीद के साथ शेयर बाजार में तेजी के साथ निवेश करेगें। शेयर बाजार में जाने वाले इन निवेशकों में से काफी संख्या में कमोडिटी में निवेश करने वाले हैं। सोने में निवेश करने वाले निवेशक अपनी लगभग 50 फीसदी पूंजी शेयर बाजार की तरफ ले जा सकते हैं जिसके चलते सोने की मांग में कमी होगी। मांग में कमी होने से सोने की कीमतें गिरना तय है।
अग्रवाल के अनुसार सोना 1400 के नीचे तक जा सकता है। दूसरी तरफ सोने का कारोबार करने वाले कारोबारियों का मानना है कि मौजूदा माहौल को देखते हुए सोने की कीमतें कम होना तय है, इस समय शादी विवाह अभी भी चल रही है जिससे लगता है कि खरीदार एक बार फिर से वापस आ सकते हैं। सोना कारोबारी जैन कुमार के अनुसार बाजार 17000 अंक पर गया तो सोना 13000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ सकता है। (BS Hindi)
19 मई 2009
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