07 अगस्त 2013
एफसीआई का गेहूं फिर से राज्यवार बेचने की तैयारी
आर एस राणा नई दिल्ली | Aug 07, 2013, 00:35AM IST
विफलता - पंजाब व हरियाणा से ओएमएसएस का गेहूं खरीदने में बेरुखी
फ्लॉप स्कीम
मौजूदा स्कीम में सिर्फ पंजाब व हरियाणा की मिलों ने गेहूं खरीदा
दक्षिण भारत व अन्य राज्यों तक गेहूं ले जाने का ट्रक भाड़ा काफी ज्यादा
अत्यधिक ट्रक भाड़ा के चलते मिलों के लिए गेहूं की लागत असहनीय
कम मात्रा होने के कारण रेल लोडिंग से भी परिवहन व्यावहारिक नहीं
सितंबर से फ्लोर मिलों को राज्यवार गेहूं बिक्री करने की योजना
केंद्र सरकार की खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की बिक्री के लिए अपनाई गई प्रक्रिया फेल हो गई है। पंजाब और हरियाणा को छोड़कर अन्य राज्यों की फ्लोर मिलों को ओएमएसएस का गेहूं बाजार से काफी महंगा पड़ रहा है, जिसके कारण अन्य राज्यों की मिलें निविदा नहीं भर रही हैं।
इसलिए सरकार फिर से पुराने ढर्रे पर आने वाली है। सितंबर से ओएमएसएस के तहत रोलर फ्लोर मिलों को राज्यवार गेहूं बेचने की खाद्य मंत्रालय ने योजना बनाई है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री केवल पंजाब और हरियाणा से की जा रही है। ओएमएसएस के तहत गेहूं खरीद के लिए बल्क कंज्यूमर के लिए निविदा भरने का न्यूनतम दाम 1,500 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि स्मॉल ट्रेडर्स को 3 से 9 टन गेहूं की बिक्री का मूल्य 1,500 रुपये प्रति क्विंटल है।
स्मॉल ट्रेडर्स को गेहूं का आवंटन राज्यों के आधार पर किया जा रहा है, इसलिए स्मॉल ट्रेडर्स गेहूं का उठाव कर रहे हैं। लेकिन बल्क कंज्यूमर को पंजाब या फिर हरियाणा से गेहूं खरीदकर अपने राज्य में ले जाना है।
इस वजह से दक्षिण भारत और अन्य सुदूर राज्यों की मिलों पर ट्रक से गेहूं ले जाने का भाड़ा ज्यादा लग रहा है। जबकि मात्रा कम होने के कारण मिलर्स रेल से लोडिंग कर नहीं सकते हैं। इसीलिए पंजाब, हरियाणा को छोड़ अन्य राज्यों के फ्लोर मिलर्स को गेहूं महंगा पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि पिछले महीने करीब 4,000 टन गेहूं का उठाव हरियाणा से हुआ था। चालू महीने में भी इसमें उठाव की संभावना नहीं है। इसलिए सितंबर महीने से पहले की तरह ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री राज्यों के आधार पर शुरू करने की योजना है।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की 21 जून को हुई बैठक में ओएमएसएस के तहत 95 लाख टन गेहूं बेचने का फैसला लिया गया था। इसमें से 85 लाख टन गेहूं की बिक्री बल्क कंज्यूमर को और 10 लाख टन की बिक्री स्मॉल ट्रेडर्स को की जायेगी।
केंद्रीय पूल में पहली जुलाई को 739.05 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक मौजूद है इसमें 423.97 लाख टन गेहूं और 315.08 लाख टन चावल का स्टॉक जमा है। चालू रबी विपणन सीजन 2013-14 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर केवल 250.85 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई है जबकि खरीद का लक्ष्य 440 लाख टन का तय किया था।
रबी विपणन सीजन 2012-13 में एफसीआई ने 381.48 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद की थी। कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी में गेहूं का उत्पादन 924.6 लाख टन होने का अनुमान है जो वर्ष 2011-12 के रिकॉर्ड उत्पादन 948.8 लाख टन से कम है। (Business Bhaskar...R S Rana)
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