26 अगस्त 2013
LIVE: लालू ने किया फूड बिल का समर्थन
नई दिल्ली।। यूपीए सरकार का 'ट्रंप कार्ड' बताए जा रहे फूड सिक्यूरिटी बिल लोकसभा में पेश कर दिया गया है और इस पर चर्चा चल रही है। राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बिल का समर्थन किया है। लालू ने बिल को दूरगामी असर वाला बताते हुए कहा कि जिसके अनाज खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं, उनको इससे काफी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि बिहार से बड़ी तादाद में गरीब लोग दूसरे प्रदेशों में जाते हैं, इससे उनको लाभ होगा। लालू ने कहा कि केंद्र को राज्य राज्य सरकार के साथ मिलकर गरीबों की सूची में सुधार करना चाहिए। बिल पर चर्चा के बाद आज वोटिंग होगी। उधर, 30 अगस्त को खत्म हो रहे संसद के मॉनसून सत्र को 6 सितंबर तक बढ़ा दिया गया है।
इससे पहले यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि फूड सिक्यूरिटी बिल से यूपीए सरकार खाद्य सुरक्षा का अपना वादा निभा रही है। उन्होंने कहा कि लोगों को भोजन का अधिकार देना ही होगा। साधन हों या नहीं, यह करना ही होगा। उन्होंने विपक्षी दलों से बिल पर साथ देकर इस ऐतिहासिक फैसले में भागीदार बनने की अपील की। बीजेपी ने बिल पर ऐतराज जताते हुए कहा कि यह फूड नहीं 'वोट' सिक्यूरिटी बिल है।
सोनिया ने दिए सवालों के जवाबः सोनिया ने अपने संबोधन में फूड सिक्यूरिटी बिल पर विरोधी दलों के सवालों के जवाब भी दिए। उन्होंने कहा, 'कुछ लोग सवाल उठाते हैं कि क्या हमारे पास इसके लिए साधन हैं? मैं उनसे कहना चाहती हूं कि सवाल साधनों का नहीं है। हमें इसके लिए साधन जुटाने ही होंगे। कुछ लोग सवाल उठाते हैं कि क्या यह किया जा सकता है? मैं उनसे कहना चाहती हूं कि सवाल यह नहीं है कि हम क्या कर सकते हैं या नहीं, हमें यह करना ही है। कुछ लोग सवाल उठाते हैं कि क्या यह बिल किसानों के हित में है? मैं कहना चाहती हूं कि कृषि और किसान हमारी नीतियों के प्रमुख अंग हैं। हमने उनकी जरूरतों को हमेशा सबसे ऊपर रखा है। और आगे भी रखेंगे।
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Lok-Sabha
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार
नवभारतटाइम्स.कॉम | Aug 26, 2013, 07.10PM IST
नई दिल्ली।। यूपीए सरकार का 'ट्रंप कार्ड' बताए जा रहे फूड सिक्यूरिटी बिल लोकसभा में पेश कर दिया गया है और इस पर चर्चा चल रही है। राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बिल का समर्थन किया है। लालू ने बिल को दूरगामी असर वाला बताते हुए कहा कि जिसके अनाज खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं, उनको इससे काफी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि बिहार से बड़ी तादाद में गरीब लोग दूसरे प्रदेशों में जाते हैं, इससे उनको लाभ होगा। लालू ने कहा कि केंद्र को राज्य राज्य सरकार के साथ मिलकर गरीबों की सूची में सुधार करना चाहिए। बिल पर चर्चा के बाद आज वोटिंग होगी। उधर, 30 अगस्त को खत्म हो रहे संसद के मॉनसून सत्र को 6 सितंबर तक बढ़ा दिया गया है।
इससे पहले यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि फूड सिक्यूरिटी बिल से यूपीए सरकार खाद्य सुरक्षा का अपना वादा निभा रही है। उन्होंने कहा कि लोगों को भोजन का अधिकार देना ही होगा। साधन हों या नहीं, यह करना ही होगा। उन्होंने विपक्षी दलों से बिल पर साथ देकर इस ऐतिहासिक फैसले में भागीदार बनने की अपील की। बीजेपी ने बिल पर ऐतराज जताते हुए कहा कि यह फूड नहीं 'वोट' सिक्यूरिटी बिल है।
सोनिया ने दिए सवालों के जवाबः सोनिया ने अपने संबोधन में फूड सिक्यूरिटी बिल पर विरोधी दलों के सवालों के जवाब भी दिए। उन्होंने कहा, 'कुछ लोग सवाल उठाते हैं कि क्या हमारे पास इसके लिए साधन हैं? मैं उनसे कहना चाहती हूं कि सवाल साधनों का नहीं है। हमें इसके लिए साधन जुटाने ही होंगे। कुछ लोग सवाल उठाते हैं कि क्या यह किया जा सकता है? मैं उनसे कहना चाहती हूं कि सवाल यह नहीं है कि हम क्या कर सकते हैं या नहीं, हमें यह करना ही है। कुछ लोग सवाल उठाते हैं कि क्या यह बिल किसानों के हित में है? मैं कहना चाहती हूं कि कृषि और किसान हमारी नीतियों के प्रमुख अंग हैं। हमने उनकी जरूरतों को हमेशा सबसे ऊपर रखा है। और आगे भी रखेंगे।
[ जारी है ]
मुलायम ने बताया चुनावी बिलः सोनिया के बाद बोलने उठे समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने बिल को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, 'खाद्य सुरक्षा बिल लाने से पहले मुख्यमंत्रियों को बुलाकर उनकी राय लेनी चाहिए थी।' उन्होंने यूपीए की भोजन गारंटी स्कीम को 'चुनावी' स्कीम करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार के पर आंकड़े हैं नहीं और मुफ्त भोजन देने की स्कीम शुरू कर दी गई है। मुलायम ने कहा कि इस स्कीम से राज्यों पर कितना बोझ पड़ेगा और वह इसकी भरपाई कैसे करेंगे, इसका कोई जिक्र नहीं है।
इससे पहले सोमवार दोपहर 2 जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई खाद्य मंत्री के.वी. थॉमस ने लोकसभा में फूड सिक्यूरिटी बिल पर बहस की शुरुआत की। थॉमस ने इस बिल के फायदों के बारे में सदन को जानकारी दी।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने मौजूदा सेशन में इस बिल को पास करवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। हालांकि, लगातार हंगामे की वजह से अब तक फूड सिक्यूरिटी बिल पर लोकसभा में बहस नहीं हो पा रही थी।
माना जा रहा है कि यूपीए सरकार ने इस बिल के समर्थन में जेडीयू, एसपी और बीएसपी का समर्थन हासिल कर लिया है। वहीं, जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके ने साफ कर दिया है कि मौजूद प्रारूप में वह इस बिल के विरोध में वोटिंग करेगी। जयललिता ने केंद्र सरकार पर बिल में खुद के सुझाए संशोधनों को शामिल नहीं करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को विप जारी कर सदन में मौजूद रहने को कहा है ताकि बिल को पास करवाने में कोई दिक्कत ना आए। (Navbharat Times)
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