30 अगस्त 2013
सीरिया की अशांति से भारतीय जीरे की विदेश में मांग चमकी
फायदा - सीरियाई जीरे की सप्लाई बाधित होने से भारतीय निर्यातकों को फायदा
ऊंझा मंडी में जीरे के खरीद सौदे 30 फीसदी तक बढ़े
तेजी के आसार
मंडी ऊंझा में रोजाना 14,000-15,000 बोरी के सौदे
डॉलर की मजबूती से भी निर्यातकों के मार्जिन में बढ़ोतरी
दोहरा फायदा मिलने से जीरे का निर्यात इन दिनों जोरों पर
निर्यात ज्यादा होने पर मूल्य में तेजी आने की संभावना
सीरिया में संघर्ष तेज होने के कारण वहां से विश्व बाजार में जीरे की भी सप्लाई बाधित हो गई है। इस वजह से भारतीय जीरे की निर्यात मांग बढ़ गई है।
घरेलू बाजार में निर्यातकों की मांग बढऩे के कारण इसके मूल्य में तेजी आने के आसार हैं। जीरे की प्रमुख उत्पादक मंडी ऊंझा में इस समय रोजाना 14,000-15,000 बोरी (एक बोरी-55 किलो) के सौदे हो रहे हैं जो सामान्य के मुकाबले 25-30 फीसदी ज्यादा हैं।
रुपये के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की मजबूती से भी निर्यातकों के मार्जिन में बढ़ोतरी हुई है। इस तरह जीरे के निर्यात में दोहरा फायदा मिल रहा है।
हनुमान प्रसाद पीयूस कुमार के प्रबंधक विरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि जीरे में निर्यातकों की अच्छी मांग बनी हुई है।
त्यौहारी सीजन शुरू होने के कारण घरेलू मसाला निर्माताओं की मांग भी पहले की तुलना में बढऩी शुरू हो गई है। ऐसे में आगामी दिनों में घरेलू बाजार में जीरे की मौजूदा कीमतों में तेजी आने की संभावना है। उत्पादक मंडियों में एनसीडीईएक्स क्वालिटी जीरे का भाव 2,450 रुपये और निर्यात क्वालिटी के जीरे का भाव 2,690 से 2,725 रुपये प्रति 20 किलो चल रहा है।
उत्पादक मंडियों में रोजाना छह से सात हजार बोरी की आवक हो रही है जबकि रोजाना सौदे 14,000-15,000 बोरियों के हो रहे हैं।
जैब्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधक भास्कर शाह ने बताया कि निर्यातकों की अच्छी मांग बनी हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में जीरे का दाम 3.64 डॉलर प्रति किलो चल रहा है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2013-14 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के दौरान जीरे के निर्यात में 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
अप्रैल से जून के दौरान 28,000 टन जीरे का निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 22,396 टन जीरे का निर्यात हुआ था।
एनसीडीईएक्स पर सितंबर महीने के वायदा अनुबंध में जीरे का दाम 21 अगस्त को 13,222 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि गुरुवार को इसका भाव 13,645 रुपये प्रति क्विंटल पर खुला। हालांकि निवेशकों की मुनाफावसूली से शाम को भाव 13,425 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
ब्रोकिंग फर्म रेलिगेयर रिटेल रिसर्च के अनुसार रुपये के मुकाबले डॉलर की मजबूती से जीरे के निर्यातकों का मार्जिन बढ़ गया है जबकि सीरिया में राजनीतिक हालात ठीक नहीं होने के कारण वहां से जीरे की सप्लाई प्रभावित हो रही है। इस वजह से खाड़ी देशों से भारतीय जीरे की मांग बढ़ रही है इसलिए मौजूदा कीमतों में तेजी की संभावना है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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