19 अगस्त 2013
सोने के मूल्य में तेजी जारी रहने के आसार
इस साल के अंत तक सोने के दाम करीब 31 हजार रुपये प्रति दस ग्राम के आसपास रहने की संभावना है। जबकि इस साल सोने का आयात करीब 860 टन के करीब रहने की संभावना है। सोने के आयात पर सरकारी पाबंदियां लगने के कारण सप्लाई तो सीमित रह सकती है। रुपये की गिरावट से मूल्य में तेजी रहेगी।
एंजेल ब्रोकिंग के कमोडिटी प्रमुख नवीन माथुर ने बताया कि कमजोर रुपये और आयात शुल्क में बढ़ोतरी के चलते देश में सोने की आयात लागत ज्यादा पड़ रही है। दिसंबर तक सोने के दाम 30500-31000 रुपये प्रति दस ग्राम के बीच रहने की संभावना है।
एमसीएक्स में सोने के दाम 28,600 रुपये प्रति दस ग्राम और विदेश में 1376.70 डॉलर प्रति औंस पर रहे। माथुर ने कहा कि अगर सरकार सोने का आयात रोकने के लिए और ज्यादा कड़े कदम उठाती है तो सप्लाई में और कमी आएगी और इससे मूल्य बढऩे लगेंगे।
विदेश में सोने के दाम सीमित दायरे में घूम रहे हैं। अमेरिकी डॉलर मजबूत होने और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार की खबरें मिलने से सोने में सुस्ती का दौर बना हुआ है।
माथुर का अनुमान है कि विदेश में इस साल के अंत तक सोने के दाम 1375-1400 डॉलर प्रति औंस के बीच रह सकते हैं। सोने के मूल्य पर दोतरफा असर पड़ रहा है। एक ओर जहां अमेरिकी डॉलर मजबूत हो रहा है, वहीं चीन की मांग में सुधार हो रहा है।
गोल्ड माइनिंग कंपनियों के संगठन वल्र्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) का कहना है कि भारत में सोने की मांग इस साल 900-1000 टन के बीच रह सकती है।
चीन में भी मांग करीब इसी स्तर पर रहने के आसार हैं। हालांकि कोटक कमोडिटी सर्विसेज की एनालिस्ट माधवी मेहता ने कहा कि पुराने सोने की सप्लाई काफी कम है और कारोबारियों ने स्टॉक करना शुरू कर दिया है।
इससे भारत में आयात 860 टन के करीब रह सकता है। उनका अनुमान है कि दिसंबर तक सोने के दाम 32000 रुपये प्रति दस ग्राम का उच्च स्तर छू जाएं तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। (Business Bahskar)
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