13 अगस्त 2013
रिकॉर्ड भाव छूने को बेकरार प्याज
सरकार कीमतों पर लगाम की हरसंभव कोशिश कर रही है लेकिन जमाखोरों के खेल से प्याज की कीमतों में तेजी थमने का नाम नहीं ले रही है। देश के कई इलाकों में प्याज का थोक भाव 55 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है। थोक का असर खुदरा बाजार में दिख रहा है और कई शहरों में यह 60 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव बिक रहा है। पुणे में आज प्याज का थोक मूल्य 5,500 रुपये प्रति क्विंटल बोला गया। नासिक, पुणे और हुबली जैसी मंडियों में भाव एक ही दिन में अचानक 800-1,200 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ गए। प्याज में तेजी का आलम यह है कि अगस्त माह में ही कीमतें दोगुनी हो चुकी हैं।
दिल्ली समेत महाराष्टï्र की प्रमुख मंडियों में प्याज 4,500 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। अगर जमाखोरों का खेल इसी तरह जारी रहा तो प्याज का भाव अब तक के रिकॉर्ड 6,200 रुपये प्रति क्विंटल (दिसंबर 2010) को पार कर सकता है। जमाखोरी रोकने के लिए दिल्ली और महाराष्टï्र सरकारों की कड़ी कार्रवाई की चेतावनी का भी कोई असर होता नहीं दिख रहा है।
दिल्ली के प्याज कारोबारी पीएम शर्मा ने बताया कि महाराष्टï्र की पुणे मंडी में आज प्याज 5000-5500 रुपये क्विंटल के भाव बिका। दिल्ली में शनिवार को प्याज 4,500 रुपये क्विंटल बिका था। रविवार को मंडी बंद रही लेकिन सोमवार से दिल्ली में भी भाव 5,000 रुपये क्विंटल को पार कर सकते हैं। राष्टï्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठïान के निदेशक आर पी गुप्ता ने बताया कि जमाखोरी के कारण ही नासिक, लासलगांव और पिंपलगांव में प्याज 4,500 रुपये प्रति क्विंटल के करीब पहुंचा है। इस महीने की पहली तारीख को पुणे में थोक भाव 1700-2600 रुपये, दिल्ली में 1,375-2,700 रुपये, पिंपलगांव में 1811-2633 रुपये और लासलगांव में 1500-2543 रुपये प्रति क्विंटल थे।
गुप्ता ने कहा कि प्याज का उत्पादन पिछले साल से महज 4.89 फीसदी और भंडारण 5.77 फीसदी कम है। लेकिन स्टॉकिस्ट और किसान बाजार में प्याज की कृत्रिम कमी पैदा कर रहे हैं। आंध्र प्रदेश के कुन्नूर और कर्नाटक के बीजापुर, चित्रदुर्गा और देवांगर इलाकों से अग्रिम खरीफ वाला नया प्याज आने लगा है फिर भी दाम चढ़ रहे हैं। (BS Hindi)
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