22 अगस्त 2013
एफएमसी का एनएसईएल को नोटिस
एनएसईएल की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। मंगलवार को डिफॉल्ट होने के बाद एफएमसी ने एनएसईएल को नोटिस जारी कर के कहा है कि निवेशकों के पैसे लौटाने के लिए गोदामों में पड़ी कमोडिटी को नीलाम कर दिया जाए।
वहीं कमोडिटी की क्वॉलिटी में गड़बड़ी होने पर एफएमसी को सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं। एफएमसी ने एनएसईएल को डिफॉल्टर से कागजात, एसेट और चेकबुक लेने का निर्देश दिया है। एफएमसी ने कहा है कि डिफॉल्टर के एसेट बेचकर एनएसईएल निवेशकों का सेटलमेंट कराए।
एफएमसी ने कमोडिटी की नीलामी से मिला पैसा एस्क्रो अकाउंट में डालने के लिए कहा है कि साथ ही नीलामी से मिला पैसा एफएमसी की मंजूरी के बाद निवेशकों को देने का निर्देश है।
इस बीच सूत्रों से एक्सक्लूसिव जानकारी मिली है कि एनएसईएल डिफॉल्ट मामले में प्रवर्तन निदेशालय और डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यु इंटेलिजेंस से काम तेज करने को कहा गया है। कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय ने इस मामले पर प्रधानमंत्री को भी रिपोर्ट सौंपने वाला है।
सूत्रों का कहना है कि कार्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय से इस मामले में एमसीएक्स और फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज की भूमिका की जांच को कहा गया है। एनएसईएल मामले में कानून मंत्रालय से भी राय मांगी गई है। माना जा रहा है कि वित्त मंत्रालय जल्द ही कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय से पूरा मामला अपने हाथ में ले लेगा। इस मामले में वित्त मंत्रालय के अधिकारी के नेतृत्व में कमेटी जल्द बनेगी। एफएमसी को वित्त मंत्रालय के अधीन लाया जाएगा।
सूत्रों की मानें तो प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से एनएसईएल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले पर जल्द कार्रवाई संभव है। प्रवर्तन निदेशालय एनएसईएल में पैसे के सोर्स (मनी ट्रेल) की जांच कर रहा है। प्रवर्तन निदेशालय के पास एनएसईएल में मनी लॉन्ड्रिंग के पुख्ता सबूत हैं। दरअसल प्रवर्तन निदेशालय एनएसईएल के निवेशकों की तरफ से मामला दर्ज करने का इंतजार कर रहा है।
उधर एनएसईएल सेटलमेंट कमेटी की 26 अगस्त को बैठक होगी। बैठक में सेटलमेंट से जुड़े सभी मुद्दों पर विचार होगा। एनएसईएल की कमेटी में कंपनी लॉ बोर्ड के पूर्व मेंबर शरद उपासनी, हाईकोर्ट के पूर्व जज आर जे कोचर बैठक में शामिल होंगे। एनएसईएल की कमेटी में सेबी के पूर्व चेयरमैन जी एन बाजपेई और पूर्व डीजीपी डी शिवानंदन भी शामिल होंगे।
नेशनल स्पॉट एक्सचेंज (एनएसईएल) अपने निवेशकों के पहली किश्त के पैसे नहीं लौटा पाया है। एनएसईएल को 175 करोड़ रुपये का पहला भुगतान करना था। जबकि एक्सचेंज सिर्फ 92.12 करोड़ रुपये ही दे पाया है। एनएसईएल ने पे-आउट के तहत मोतीलाल ओसवाल कमोडिटी को 4.3 करोड़ रुपये चुकाए हैं। वहीं इंडिया इंफोलाइन कमोडिटी को 5.34 करोड़ रुपये और आनंद राठी कमोडिटी को 10.49 करोड़ रुपये चुकाए हैं। इसके अलावा एमएमटीसी को 3.6 करोड़ रुपये, इंडियन बुलियन एसोसिएशन को 19.16 करोड़ रुपये और जियोजित कॉमट्रेड को 5.13 करोड़ रुपये चुकाए हैं।
एनएसईएल के 24 देनदारों के पास नकदी और एसेट की कमी है। एनएसईएल के देनदारों में 17 कंपनियों ने तय रकम से कम पेमेंट किया है। वहीं 9 कंपनियों ने डिफॉल्ट किया है। एनएसईएल के देनदारों में शामिल एन के प्रोटीन्स पर 970 करोड़ रुपये की देनदारी है, जबकि इस कंपनी की एसेट 564 करोड़ रुपये और मुनाफा 15 करोड़ रुपये है। ए आर के इंपोर्ट्स पर 719 करोड़ रुपये की देनदारी है, जबकि इस कंपनी की एसेट 124 करोड़ रुपये और मुनाफा 7.7 करोड़ रुपये है।
वहीं लॉइल कॉन्टिनेंटल पर एनएसईएल की 335 करोड़ रुपये देनदारी है, जबकि लॉइल कॉन्टिनेंटल की एसेट 14.6 करोड़ रुपये और मुनाफा 8.7 करोड़ रुपये है। लॉइल हेल्थ फूड्स पर 289 करोड़ रुपये की देनदारी है, जबकि इस कंपनी की एसेट 71 करोड़ रुपये और मुनाफा 11 करोड़ रुपये है। मोहन इंडिया पर 575 करोड़ रुपये की देनदारी है, जबकि इस कंपनी की एसेट 17 करोड़ रुपये और मुनाफा 2,044 करोड़ रुपये है। (Moneycantrol.com)
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