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03 अगस्त 2013

दलहन की थोक कीमतों में गिरावट का फायदा ग्राहकों को नहीं

आर एस राणा नई दिल्ली | Aug 02, 2013, 09:00AM IST दालों के थोक दामों में पिछले डेढ़ महीने में 4 फीसदी से लेकर 23.8 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है दलहन की कीमतों में आई गिरावट से भले ही कई दालों के दाम घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे आ गए हों, लेकिन उपभोक्ताओं को अब भी ऊंचे भाव पर ही खरीदारी करनी पड़ रही है। दालों के थोक दामों में पिछले डेढ़ महीने में 4 फीसदी से लेकर 23.8 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है लेकिन फुटकर बाजार में दाम ऊंचे ही बने हुए हैं। फुटकर बाजार में अरहर दाल 72-80 रुपये, उड़द दाल 70-75 रुपये, मूंग दाल 81-84 रुपये, मसूर दाल 66-68 रुपये और चना दाल 53-55 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है। दलहन के थोक कारोबारी निशांत मित्तल ने बताया कि दालों में मांग काफी कमजोर बनी हुई है। थोक बाजार में पिछले डेढ़ महीने में उड़द दाल का भाव 4,500 रुपये से घटकर 3,900 रुपये, अरहर दाल का 6,600 रुपये से घटकर 6,000 रुपये, मूंग दाल का 6,650 रुपये से घटकर 6,300 रुपये, मसूर मलका दाल का 5,500 रुपये से घटकर 4,900 रुपये और चना दाल का भाव 4,200 रुपये से घटकर 3,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गया है। सब्जियों की कीमतों में तेजी बनी हुई है, लेकिन इसके बावजूद दालों में मांग अपेक्षाकृत कमजोर ही बनी हुई है। दलहन आयातक संतोष उपाध्याय ने बताया कि उत्पादक मंडियों में चना, उड़द और अरहर की कीमतें घटकर एमएसपी से भी नीचे आ गई हैं। आस्ट्रेलिया से आयातित चने का भाव मुंबई में 2,800-2,825 रुपये और देसी चने का भाव दिल्ली में घटकर 2,775 रुपये प्रति क्विंटल रह गया है। इसी तरह उड़द दाल का भाव घटकर 3,200 से 3,500 रुपये और अरहर साबूत का भाव 3,950-4,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गया है। केंद्र सरकार ने चने का एमएसपी 3,000 रुपये, उड़द और अरहर का एमएसपी क्रमश: 4,300-4,300 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। मसूर साबूत का भाव मंडियों में घटकर 4,000-4,200 रुपये और मूंग साबूत का भाव 5,000-5,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गया है। श्रीकृष्ण मुरारी कन्वैसिंग कंपनी के प्रबंधक दुर्गा प्रसाद ने बताया कि आयातित दालों की कीमतों में गिरावट बनी हुई है। खरीफ सीजन में अनुकूल मौसम से खरीफ दालों की बुवाई में बढ़ोतरी से पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है। वैसे भी रमजान के त्योहार के कारण दालों में उठाव कमजोर है। हालांकि अगस्त के आखिर में दालों में उठाव बढऩे का अनुमान है जिससे दाम सुधरने की उम्मीद है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ सीजन में दालों की बुवाई बढ़कर 73.62 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 39.52 लाख हेक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2012-13 में देश में दालों की रिकॉर्ड 184.5 लाख टन पैदावार होने का अनुमान है। (Business Bhaskar....R S Rana)

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