09 अगस्त 2013
एमसीएक्स: ब्रोकर भुनाने लगे गारंटी
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स)पर जिंस लेनदेन कर (सीटीटी) और नैशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) में आए संकट का असर दिखने लगा है। एमसीएक्स और एनएसईएल दोनों ही फाइनैंशियल टेक्नोलॉजिज समूह की कंपनियां हैं।
ब्रोकिंग उद्योग के सूत्रों के अनुसार कुछ ब्रोकरों ने एक्सचेंज को दी गई अपनी बैंक गारंटी या तो निकाल ली है या घटा दी है। किसी भी एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग करने के लिए ब्रोकरों को कुछ बैंक गारंटी देनी पड़ती है। आमतौर पर 1,000 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा की ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर को 100 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी देनी पड़ती है। ब्रोकरों ने सिर्फ उतनी गारंटी रखी है, जितने की उन्होंने ओपन पोजीशन ली हुई हैं। सूत्रों के अनुसार बड़े ब्रोकरों समेत भारी संख्या में ब्रोकरों ने ऐसा करने का फैसला किया है।
एक बड़े ब्रोकिंग हाउस के प्रबंध निदेशक ने स्वीकार किया कि उन्होंने इस हफ्ते की शुरुआत में एक्सचेंज को दी गई अपनी बैंक गारंटी निकाल ली है। उन्होंने बताया, 'सीटीटी प्रभावी होने से हमारी जिंस बिक्री में जबरदस्त गिरावट आई है। ऐसे में बैंक गारंटी को जमा कराए रखने का कोई मतलब नहीं बनता है। लेकिन हम कम मार्जिन रकम के साथ एक्सचेंज के साथ थोड़ा कारोबार करते रहेंगे।Ó
एक अन्य ब्रोकिंग कंपनी ने कारोबारी टर्मिनलों पर आंतरिक खबर के जरिये सूचित कर दिया कि आंतरिक जोखिम प्रबंधन के कारण वह एमसीएक्स में अपने ग्राहकों की पोजीशन सीमित कर रही है।
केडिय़ा कमोडिटीज के निदेशक अजय केडिय़ा ने बताया, 'पिछले कुछ दिनों में एमसीएक्स पर हमारे कारोबार पर नकारात्मक असर पड़ा है क्योंकि हमारे खुदरा ग्राहक एनएसईएल के भुगतान संकट को लेकर चिंतित हैं।Ó कितने ग्राहकों ने अपनी बैंक गारंटी वापस ली है?
बिज़नेस स्टैंडर्ड के इस सवाल पर एमसीएक्स की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। बिज़नेस स्टैंडर्ड की ओर से भेजे गए ईमेल में एमसीएक्स ने कहा, 'हम बंबई स्टॉक एक्सचेंज को पहले ही स्पष्टï कर चुके हैं कि एमसीएक्स और एनएसईएल बिल्कुल अलग कंपनियां हैं और उन दोनों का वित्तीय तौर पर या हिस्सेदारी के तौर पर एक-दूसरे से कोई संबंध नहीं है। एमसीएक्स बेहद मजबूत कंपनी है, जिसका नियमन वायादा बाजार आयोग करता है। कंपनी के बहीखाते पर किसी ऋण का बोझ नहीं है और 30 जून तक इसका मूल्यांकन 1,200 करोड़ रुपये से ज्यादा था।Ó हालांकि उद्योग के विशेषज्ञों ने बताया कि ब्रोकरों और ग्राहकों ने एनएसईएल में असाधारण पोजीशन ले रखी है वे एमसीएक्स को दी गई बैंक गारंटी को लेकर चिंतित हैं।
इंडिया इन्फोलाइन, मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज, आनंद राठी और जियोजित कॉमट्रेड जैसी ब्रोकरेज कंपनियों के ग्राहकों का एनएसईएल में 1,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का निवेश है।
इस सप्ताह सोमवार को आयोग ने एमसीएक्स का दायरा और वित्त यह कहते हुए सीमित कर दिया था कि उसकी अनुमति के बिना कमोडिटी एक्सचेंज कोई वित्तीय लेनदेन नहीं करेगा। सिर्फ एमसीएक्स अकेला एक्सचेंज नहीं है, जो सीटीटी से प्रभावित हुआ है। सीटीटी का असर अन्य एक्सचेंजों पर भी दिखा है। मसलन जिन जिंसों पर सीटीटी वसूला जाता है जुलाई और 6 अगस्त के दौरान एमसीएक्स पर उनके रोजाना कारोबार में 42 फीसदी की गिरावट आई है।
एनसीडीईएक्स पर इन जिंसों की बिक्री में 19 फीसदी, एनएमसीई पर 81 फीसदी और आईसीईएक्स पर बिक्री में 90 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। (B S Hindi)
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