19 अगस्त 2013
लोटस रिफाइनरी ने एनएसईएल को भुगतान से किया
नई दिल्ली। कारोबार बंद कर चुके नेशनल स्पॉट एक्सचेंज [एनएसईएल] की भुगतान योजना को पहला झटका लोटस रिफाइनरीज ने दिया है। एनएसईएल के मुताबिक मुंबई स्थित इस कंपनी पर निवेशकों की 252 करोड़ रुपये की देनदारी है, जबकि लोटस का कहना है कि वह किसी तरह के भुगतान के लिए प्रतिबद्ध नहीं है। एक्सचेंज ने लोटस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की बात कही है।
लोटस ने वायदा बाजार आयोग [एफएमसी] को लिखे पत्र में अपने ऊपर किसी भुगतान बाध्यता से इन्कार किया है। कंपनी खाद्य तेल उत्पादों की विस्तृत रेंज का उत्पादन करती है। एफएमसी ने इस मसले पर एनएसईएल को अपनी प्रतिक्रिया तुरंत देने को कहा था। एफएमसी के मुताबिक इसके जवाब में एनएसईएल ने लोटस रिफाइनरीज के खिलाफ डिफॉल्ट प्रोसीडिंग शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा एफएमसी ने एक्सचेंज को अपनी सहायक इकाई इंडियन बुलियन मार्केट एसोसिएशन [आइबीएमए] को कोई भुगतान नहीं करने का निर्देश दिया है। एक्सचेंज पर आइबीएमए के 1,159.55 करोड़ रुपये बकाया हैं। आइबीएमए में एनएसईएल की 60.88 फीसद हिस्सेदारी है और दोनों कंपनियों के निदेशक समान हैं।
कानूनी कार्रवाई पर विचार
एनएसईएल के सौदों के निपटान में देरी के कारण मुसीबत में फंसे निवेशक अब एक्सचेंज के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, निवेशकों ने यह कार्रवाई मंगलवार के बाद ही करने के संकेत दिए हैं। एक्सचेंज ने आश्वासन दिया है कि वह मंगलवार को निवेशकों को भुगतान की पहली किस्त सौंप देगा। एनएसईएल निवेशक फोरम [एनआइएफ] के प्रेसीडेंट एसके सराफ ने कहा कि सभी निवेशक एनएसईएल की भुगतान करने की क्षमता को लेकर चिंतित हैं क्योंकि भुगतान की योजना अस्पष्ट है। इससे पहले एक अन्य संगठन इंडियन काउंसिल ऑफ इन्वेस्टर्स ने शुक्रवार को एक्सचेंज के खिलाफ बांबे हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। एनएसईएल ने 31 जुलाई को अपने सभी सौदों में कारोबार रोक दिया था। इससे निवेशकों के करीब 6,500 करोड़ रुपये के भुगतान का संकट पैदा हो गया।
संसद में होगी चर्चा
एनएसईएल के सौदों में कारोबार बंद होने से पैदा हुई भुगतान संकट की स्थिति पर इस सप्ताह संसद में विचार होगा। सूत्रों के मुताबिक इस मसले पर विचार के लिए एक सांसद ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया है।
दूरसंचार और जहाजरानी राज्य मंत्री मिलिंद देवड़ा ने करीब 7,000 छोटे निवेशकों के भुगतान में देरी से जुड़े इस मसले पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है। इसके अलावा कांग्रेस सांसद विजय दर्डा ने इस मामले में गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय [एसएफआइओ] से जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। (Jagran)
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