05 अगस्त 2013
एनएसईएल पेमेंट संकट पर कमिटी बनी: जिग्नेश शाह
स्पॉट एक्सचेंज एनएसईएल के पेमेंट संकट के 5 दिन बाद आज इसके प्रोमोटर जिग्नेश शाह मीडिया के सामने आए। जिग्नेश शाह ने ये भरोसा दिलाने की कोशिश की कि पूरा पेमेंट चरणों में कर दिया जाएगा।
जिग्नेश शाह ने बताया कि एनएसईएल ट्रेडिंग मामले में उन्होंने रविवार को एफएमसी सदस्यों से मुलाकात की और सेटलमेंट की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए एक कमिटी भी बना दी गई है। कमिटी में सेबी के एक्स-चेयरमैन जी एन बाजपेयी भी शामिल है।
जिग्नेश शाह के मुताबिक कमिटी नियमित तौर पर पेमेंट प्लान पर एफएमसी को रिपोर्ट देगी और पेमेंट प्लान 14 अगस्त तक सौंपना होगा। उन्होंने कहा कि पेमेंट वक्त पर हो इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा और सेटलमेंट में सहयोग नहीं करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यही नहीं अगर पेमेंट में देरी होती है तो उस पर 16 फीसदी का ब्याज देना होगा।
प्रेस कॉन्सफ्रेंस में जिग्नेश शाह ने ये भी जानकारी दी कि पेआउट के लिए ब्रोकर्स, प्लांटर्स की 2 कमिटी बनाई गई है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि फिजिकल स्टॉक को लिक्विडेट करने के लिए समय लगेगा।
वहीं एफएमसी के चेयरमैन रमेश अभिषेक का कहना है कि रविवार की बैठक के बाद माहौल पॉजिटीव बना है। एनएसईएल से सभी के साथ अलग-अलग बात करने को कहा है। अगले कुछ दिन में पेमेंट शेड्यूल के बारे में जानकारी मिल जाएगी। एनएसईएल ने सेटलमेंट के बारे में भरोसा दिया है। सेटलमेंट के मामले में पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जा रही है। (CNBC awaj)
रमेश अभिषेक के मुताबिक सेटलमेंट की जिम्मेदारी एनएसईएल पर होगी। एनएसईएल का सेटलमेंट गारंटी फंड 800 करोड़ रुपये से घटकर 65 हो गया है। हालांकि एनएसईएल के 100 फीसदी सेटलमेंट की गारंटी नहीं है।
रमेश अभिषेक ने बताया कि वेयरहाउस के बारे में पूरी जानकारी देने के लिए एनएसईएल से कहा है। वहीं स्पॉट एक्सचेंज के लिए रेगुलेटर बनाने पर चर्चा जारी है। 2-3 दिन में एनएसईएल मामले पर सफाई आने की उम्मीद है। नए रेगुलेशन बनने में कितना समय लगेगा कहना मुश्किल है।
इंडिया इंफोलाइन के चैयरमैन निर्मल जैन का कहना है कि वो फिलहाल किए गए सेटलमेंट से काफी संतुष्ट हैं। इसके आधार पर सभी क्लाइंट को पूरे पैसे मिल जाएंगे। स्पॉट एक्सचेंज का रेगुलेट होना जरूरी है। एनएसईएल के लिए सबसे सशक्त रेगुलेटर एफएमसी ही होगा।
दरअसल कुछ कंपनियां किस्तों में पैसा चुकाएंगी जिनमें एमएसआर फूड प्रोसेसिंग, पीडी एग्रो प्रोसेसर, श्री राधे ट्रेडिंग, संख्या इंवेस्टमेंट्स, स्पिन कॉट टेक्सटाइल्स, स्वास्तिक ओवरसाइज कॉर्प, टॉपवर्थ स्टील एंड पावर, विमलादेवी एग्रोटेक, एन के कॉर्पोरेशन, एनसीएस शुगर, मेटकॉर एलॉय एंड इंडस्ट्रीज, और एआरके इंपोर्ट्स शामिल हैं। लेकिन जो कंपनियां सेटलमेंट को तैयार नहीं हैं उनमें नामधारी फूड्स नामधारी राइस एंड जनरल मिल्स और लोटस रिफाइनरीज के नाम हैं।
गौरतलब है कि डिफॉल्ट से परेशान निवेशकों को एनएसईएल से पैसा मिलने में अभी 5 महीने का वक्त लगेगा। डिफॉल्ट से निपटने के लिए रविवार को एफएमसी ने एक्सचेंज एनएसईएल और 21 मेंबर के साथ मुलाकात की थी। इस बैठक में निवेशकों का पैसा लौटाने का तरीका सुझाया गया है।
एनएसईएल के मुताबिक 8 मेंबर तुरंत 2,181 करोड़ रुपये के सेटलमेंट को तैयार हैं। 13 मेंबर हर हफ्ते 3,107 करोड़ रुपये का 5 फीसदी चुकाएंगे। 3 मेंबर अब भी 311 करोड़ रुपये चुकाने को तैयार नहीं हैं। इसके अलावा एनएसईएल ने साफ किया है कि जो मेंबर शेड्यूल के तहत पेमेंट नहीं करेगा उसपर 16 फीसदी का ब्याज लगेगा।
एनएसईएल का कहना है कि 5 महीने में पूरा सेटलमेंट हो जाएगा। इसके अलावा 2 मेंबर जो रविवार की बैठक में शामिल नहीं हुए थे उनसे एफएमसी की आज मुलाकात होगी। उधर बैठक में शामिल हुए देश के बड़े ब्रोकरों ने जल्द मामला सुलझने की उम्मीद जताई है।
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