19 अगस्त 2013
एनएसईएल निवेशकों को मंगलवार का इंतजार
योजना - अरविंद मायाराम के नेतृत्व में एक विशेष टीम होगी गठित
बढ़ी चिंता
सभी निवेशक नेशनल स्पॉट एक्सचेंज के भुगतान करने की क्षमता को लेकर चिंतित
अभी भुगतान के प्रक्रिया की तस्वीर धुंधली है और मंगलवार का हो रहा इंतजार
मंगलवार को भुगतान मसले को लेकर अंतिम निर्णय सामने आ जाएगा
भुगतान संकट पर संसद में बहस इसी हफ्ते
नई दिल्ली - एनएसईएल के भुगतान संकट को लेकर संसद में बहस इसी हफ्ते में होगी। उच्चस्तरीय सूत्र ने बताया कि एक सांसद ने एनएसईएल मसले को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया है। तकरीबन 7000 छोटे निवेशकों के भुगतान संकट को लेकर दूरसंचार और जहाजरानी मंत्रालय मुरली देवड़ा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस मसले पर एक पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की मांग की है।
इसके अलावा, कांगे्रस सांसद विजय दर्डा ने मांग की है कि सीरियस फ्रॉड इनवेस्टीगेशंस ऑफिस (एसएफआईओ) के तले इसकी जांच कराई जाए। (प्रेट्र)
वित्त मंत्रालय इस संदर्भ में जांच एजेंसियों से भी मदद लेगा
एनएसईएल इंवेस्टर्स फोरम (एनआईएफ) के प्रेसीडेंट एसके सर्राफ ने रविवार को कहा कि सभी निवेशक नेशनल स्पॉट एक्सचेंज (एनएसईएल) के भुगतान करने की क्षमता को लेकर चिंतित हो गए हैं। अभी भुगतान के प्रक्रिया की तस्वीर धुंधली है। अभी हम मंगलवार का इंतजार कर रहे हैं जब भुगतान को लेकर अंतिम निर्णय
सामने आएगा।
सर्राफ का बयान ऐसे वक्त आया है जब निवेशकों ने शुक्रवार को बांबे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका एनएसईएल के खिलाफ दाखिल की हुई है। गौरतलब है कि 6,500 करोड़ रुपये के भुगतान संकट को लेकर सरकार ने 31 जुलाई से कांट्रेक्ट ट्रेडिंग को स्थगित करने का निर्णय लिया था। उसी समय से एनएसईएल परेशानी में घिर गई है।
सर्राफ ने बताया कि एनआईएफ माकूल रणनीति की योजना बना रहा है जिससे पूरा भुगतान सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने बताया कि एजेडबी पार्टनर और एफएमसी के चेयरमैन रमेश अभिषेक के वकीलों से भुगतान के संकट को लेकर मुलाकात हो चुकी है।
हमलोगों की बैठक केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय और वित्त सचिवों के साथ अगले हफ्ते की शुरुआत में होगी जिसमें उनसे बताया जाएगा कि ऐसी नीति बने जिससे हमारे हितों को सुरक्षित किया जा सके।
फॉरवार्ड मार्केट्स कमीशन (एफएमसी) ने वित्त मंत्रालय और अन्य निवेश एजेंसियों से इस संदर्भ में मदद मांगी है। उल्लेखनीय है कि एनएसईएल की प्रमोटर जिग्नेश शाह की फाइनेंसियल टेक्नोलॉजी है।
उधर, एनएसईएल के भुगतान संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित कर रही है जो कि इस मसले को देखेगी। सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय इस संदर्भ में जांच एजेंसियों से भी मदद लेगा।
इसमें यह देखा जाएगा कि क्या इस संकट में मनी लॉड्रिंग और वेयरहाउस-रिसिप्ट फ्रॉड शामिल है? ऐसी उम्मीद की जा रही है कि एनएसईएल को यह निर्देश दिया जाएगा कि वह एफसीआई और सेंट्रल वेयरहाउस कॉरपोरेशन जैसे सरकारी एजेंसियों को वेयरहाउसेज से संबंधित दस्तावेजों को सुपुर्द करे।
उल्लेखनीय है कि 23 कर्जदारों से बातचीत के बाद एनएसईएल ने 5574.31 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए तिथिवार कार्यक्रम बनाया है। यह कार्यक्रम आठ महीनों का है जो मार्च 2014 तक है। इस दौरान तकरीबन 13000 निवेशकों का भुगतान
किया जाएगा।
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