22 अगस्त 2013
प्याज कीमतों में फिर आई तेजी
एक सप्ताह की लगातार गिरावट के बाद महाराष्टï्र की प्रमुख मंडियों में बुधवार को प्याज की कीमतें एक बार फिर से ऊपर आ गईं। व्यापारियों ने अधिक फायदा उठाने के लिए कीमतें ऊंची बनाए रखने के लिए आपूर्ति में कमी कर दी है।
जिंस के लिए एशिया की सबसे बड़ी मंडी लासलगांव में प्याज की कीमतों में पिछले दो दिनों में 27 फीसदी की तेजी आई है। प्याज का भाव 14 अगस्त को लासलगांव बाजार में 4700 रुपये प्रति क्विंटल की रिकॉर्ड ऊंचाई पर था। 19 और 21 अगस्त के बीच प्याज के भाव लासलगांव की मंडी में 3250 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ कर 4125 रुपये पर पहुंच गए।
इसी तरह मुंबई में प्याज के भाव 150 रुपये तक बढ़ कर 3850 रुपये पर प्रति क्विंटल पर रहे और महाराष्टï्र के पिंपलगांव बाजार में यह भाव 900 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 4100 रुपये पर था। नैशनल हॉर्टिकल्चर रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन (एनएचआरडीएफ) के निदेशक आर पी गुप्ता ने कहा, 'कीमत वृद्घि की प्रमुख वजह आपूर्ति में कमी आना है। व्यापारी हाजिर बाजार में कम मात्रा में प्याज निकाल रहे हैं।Ó
इस वजह से मंडियों में प्याज की आवक काफी घट गई है। लासलगांव मंडी में बुधवार की सुबह कुल आवक 4,000 क्विंटल दर्ज की गई जबकि दो दिन पहले यह आंकड़ा 9000 क्विंटल पर और 16 अगस्त को 11,445 क्विंटल पर था। मुंबई और पिंपलगांव बाजारों में प्याज की आवक बुधवार को 3300 क्विंटल और 5000 क्विंटल पर रही जबकि 19 अगस्त को यह 6700 क्विंटल थी। बाजार रक्षा बंधन की वजह से मंगलवार को बंद रहा।
एक प्रमुख कारोबारी और निर्यातक ने बताया कि हैदराबाद, बेंगलूर और ओडिशा की कुछ मंडियों के लिए नए सत्र की फसल की आवक आंध्र प्रदेश से शुरू हो गई है। हालांकि कीमतों को प्रभावित किए जाने के लिहाज से इसकी मात्रा काफी कम है।
ये हाजिर बाजार पांच दिन की त्योहारी छुट्टिïयों के बाद खुले हैं। इस अवधि के दौरान हालांकि प्याज कीमतें उन खबरों की वजह से नरम पड़ी थीं कि मुंबई के स्थानीय बंदरगाहों और दक्षिण में 25 रुपये प्रति किलोग्राम की औसतन कीमत पर आयात खेप शुरू की गई है। साथ ही सरकार ने निर्यात को घटाए जाने के प्रयास के तहत प्याज की खेप के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) निर्धारित किया है। सरकार ने एमईपी 650 डॉलर प्रति टन तय किया है।
नेफेड ने प्याज आयात के लिए निविदा जारी की
सहकारी संस्थान नेफेड ने घरेलू आपूर्ति बढ़ाने तथा कीमत पर अंकुश लगाने के लिए पाकिस्तान, ईरान, चीन तथा मिस्र से आयात के लिए वैश्विक निविदा जारी की है। इस बीच, एक बार फिर प्याज का मूल्य देश के अधिकतर खुदरा बाजारों में 70 से 80 रुपये किलो पर पहुंच गया है। प्याज के आयात में अनुभव रखने वाले पक्ष मात्रा एवं मूल्य प्रति टन के साथ आयात की पेशकश कर सकते हैं। पेशकश करने की अंतिम तारीख 27 अगस्त है।
वैश्विक व्यापारियों को नेफेड की तरफ से 2013 में उत्पादित प्याज का आयात करना पड़ेगा। इसकी आपूर्ति दिल्ली में करनी होगी। पिछले करीब एक पखवाड़े से प्याज की कीमत उूंची बनी हुई है। इसका कारण देश के सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में सूखे के कारण प्याज का उत्पादन कुछ कम रहने की आशंका है। इसके अलावा बारिश के कारण यातायात प्रभावित होने से राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु से भी आवक प्रभावित हुई है। (BS Hindi)
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