09 अगस्त 2013
ठंडे पडऩे लगे आलू-प्याज के तेवर!
देश के ज्यादातर हिस्सों में भारी बारिश के कारण मंडियों में आपूर्ति गडबड़ाने का हवाला देकर कारोबारी प्याज और आलू के दाम बढ़ाने में लगे थे। लेकिन सरकार की सख्ती और सटोरियों की मुनाफावसूली के कारण पिछले दो दिनों में आलू और प्याज सस्ते होते दिख रहे हैं। हालांकि कारोबारियों का कहना है कि अगले हफ्ते दोनों के भाव फिर चढ़ सकते हैं।
दरअसल अगले तीन दिन बाजार बंद रहेगा, जिसकी वजह से सटोरिये आज सौदे निपटाने में लगे रहे और नैशनल कमोडिटीज ऐंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) पर आलू की कीमतों में 4 फीसदी का निचला सर्किट लग गया। यहां आलू सितंबर अनुबंध की कीमतें घटकर 736 रुपये प्रति क्विंटल रह गई, जो दो दिन पहले 800 रुपये के पार चली गई थीं।
इसका असर हाजिर बाजार पर भी दिखा और वहां आलू लुढ़ककर 950 रुपये प्रति क्विंटल रह गया, जबकि दो दिन पहले वाशी थोक मंडी में यह 1,100 रुपये प्रति क्विंटल तक चढ़ गया था। दिलचस्प है कि महीने भर पहले आगरा में आलू 500 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था। कारोबारी बता रहे हैं कि 500 रुपये से भाव 1,100 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचते ही मुनाफावसूली शुरू हो गई, जिससे कीमतों में गिरावट आने लगीं। इसका असर खुदरा बाजार पर भी पड़ा और दो दिन पहले 22 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा आलू आज 18 से 20 रुपये प्रति किलो बिकता दिखा।
प्याज में भी नरमी का रुख देख
जा रहा है। थोक बाजार में दो दिन पहले 3,200 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा प्याज आज 2,800 रुपये के भाव बिका। खुदरा बाजार में इसी हफ्ते 40 रुपये प्रति किलो बिक रहा प्याज अब 35 रुपये में मिल रहा है। इसकी बड़ी वजह सरकार की ओर से सस्ते प्याज की बिक्री भी है। सहकारी केंद्रों पर प्याज 30 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। वाशी के प्याज कारोबारी तुलस्यानी के मुताबिक इसी वजह से खुदरा कारोबारियों के पास प्याज की मांग घट गई है और दाम भी गिर रहे हैं।
सब्जी के थोक कारोबारी सुजीत गुप्ता कहते हैं कि हर साल बारिश के समय कीमतें बढ़ती ही हैं। इस बार भी स्टॉकिस्ट आलू के भाव नीचे जाने का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही कीमतें 500 रुपये प्रति क्विंटल पहुंचीं, उन्होंने जमकर खरीदारी शुरू कर दी और आलू के भाव चढऩे लगे। लेकिन 1,100 रुपये प्रति क्विंटल पर सटोरियों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी, जिससे आलू के दाम ठंडे हो गए हैं। किसानों का बचा माल मंडियों में आने से भी भाव नीचे आए हैं।
बाजार के जानकार तो यही बता रहे हैं कि आलू की कीमतों में आगे और नरमी नहीं आएगी। लगातार तीन दिन बाजार बंद रहना है, जिसकी वजह से कीमतें घटी हैं। लेकिन बाजार खुलते ही आलू चढ़कर 1,200 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच सकता है। कारोबारियों के बीच इस बात की भी चर्चा है कि खाद्य सुरक्षा के दायरे में आलू भी शामिल हो सकता है, जिससे मांग 10 फीसदी बढ़ सकती है। हालांकि विश्लेषकों ने कहा कि अगले साल चुनाव को देखते हुए सरकार आलू-प्याज के दाम ज्यादा बढऩे नहीं देगी। (BS Hindi)
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