03 अगस्त 2013
थाईलैंड की कड़ी टक्कर से चावल निर्यात में कमी संभव
आर.एस. राणा नई दिल्ली | Aug 02, 2013, 01:43AM IST
सुलभता - दूसरे एशियाई देशों में चावल की बेहतर पैदावार से मूल्य गिरे
घरेलू सप्लाई
चावल की सरकारी खरीद लक्ष्य से ज्यादा होने के आसार
इससे चावल के घरेलू मूल्य में तेजी आने की संभावना
इसका असर भारत से मोटे चावल के निर्यात पर पड़ेगा
सितंबर 2011 से 115 लाख टन मोटे चावल का निर्यात
भारत से गैर-बासमती चावल के निर्यात में 25 फीसदी कमी की आशंका
एशियाई देशों में पैदावार ज्यादा होने से अक्टूबर से शुरू होने वाले नए सीजन में गैर-बासमती चावल के निर्यात में 20 से 25 फीसदी कमी की आशंका है। चालू वित्त वर्ष 2013-14 की पहली तिमाही में मूल्य के आधार पर गैर-बासमती चावल का निर्यात 15.11 फीसदी कम हुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत के मुकाबले वियतनाम के गैर-बासमती चावल की कीमतें कम हैं, जबकि थाईलैंड के गैर-बासमती चावल की क्वालिटी भारत के मुकाबले अच्छी है।
श्रीलाल महल लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रेम गर्ग ने बताया कि चालू सीजन में भारत के साथ ही थाईलैंड, वियतनाम और बांग्लादेश में गैर-बासमती चावल की पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है। इसीलिए गैर-बासमती चावल के निर्यात सौदों में कमी आई है।
वियतनाम के निर्यातक लगातार भाव घटाकर बिकवाली कर रहे हैं जबकि थाईलैंड के चावल की क्वालिटी भारत से बेहतर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में 25 फीसदी ब्रोकन भारतीय गैर-बासमती चावल का भाव 385-400 डॉलर प्रति टन है जबकि वियतनाम 360 डॉलर प्रति टन की दर से बिकवाली कर रहा है। थाईलैंड के चावल का भाव 425 डॉलर प्रति टन हैं।
केआरबीएल लिमिटेड के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल कुमार मित्तल ने बताया कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश लागू कर रही है इसलिए चावल की सरकारी खरीद तय किए गए लक्ष्य से ज्यादा कर सकती है। ऐसे में घरेलू बाजार में पैदावार ज्यादा होने के बावजूद दाम तेज हो सकते हैं।
एशियाई देशों में चावल का उत्पादन बढऩे का अनुमान है इसका असर भारत से होने वाले गैर-बासमती चावल के निर्यात पर पड़ सकता है।
वैसे भी गैर-बासमती चावल के निर्यात पर संशय बना रहता है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अनुसार 9 सितंबर 2011 से 5 जुलाई 2013 के दौरान देश से 115 लाख टन गैर-बासमती चावल का निर्यात हुआ है।
कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हर महीने करीब आठ लाख टन गैर बासमती चावल का निर्यात हो रहा है। वित्त वर्ष 2012-13 में देश से कुल 65 लाख टन गैर-बासमती चावल का निर्यात हुआ है तथा वर्तमान मांग को देखते हुए कुल निर्यात 15 से 20 फीसदी बढऩे का अनुमान है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के अनुसार वित्त वर्ष 2013-14 के पहले तीन महीनों (अप्रैल से जून) के दौरान 3,363.13 करोड़ रुपये मूल्य का गैर-बासमती चावल का निर्यात हुआ है जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 15.11 फीसदी कम है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में धान की रोपाई बढ़कर 196.38 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल की समान अवधि के 184.24 लाख हैक्टेयर से ज्यादा है।
ऐसे में चावल की पैदावार में पिछले साल की तुलना में बढ़ोतरी होने का अनुमान है। केंद्रीय पूल में पहली जुलाई को 739.05 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक जमा है इसमें 315.08 लाख टन चावल का स्टॉक है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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