05 अगस्त 2013
धान का ढेर न कर दे 'ढेर'
नैशनल स्पॉट एक्सचेंज ने पिछले सप्ताह सभी वायदा अनुंबधों को स्थगित करने की घोषणा की थी। लेकिन इस दौरान जिंसों की कीमतों और कृषि मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी हाजिर कीमतों में भारी अंतर होने के कारण बकाये अनुबंधों के निपटान में एक्सचेंज को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। सबसे बड़ी चुनौती धान के बड़े भंडार को लेकर हो सकती है क्योंकि इसमें सबसे अधिक नुकसान के आसार हैं।
एक्सचेंज पर कारोबार स्थगित होते समय विभिन्न अनुबंधों के तहत औसतन 2,812 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत पर करीब 5,09,851 टन धान का भंडारण हरियाणा, पंजाब और आंध्र प्रदेश के 10 गोदामों में किया गया था। औसत कीमत पर कुल भंडार का मूल्य करीब 1,433.7 करोड़ रुपये था। लेकिन 3 अगस्त को देशभर की विभिन्न मंडियों में धान की कीमतों पर गौर करने से अलग तस्वीर सामने आती है। कृषि मंत्रालय के अधीन विपणन एवं निरीक्षण निदेशालय (डीएमआई) की वेबसाइट एग्मार्केट डॉट एनआईसी डॉट इन के मुताबिक धान की कीमतें शाहजहांपुर में 980 रुपये प्रति क्विंटल और तमिलनाडु के कोविलपट्टïी में 1,700 रुपये प्रति क्विंटल थीं। ऐसे में एक्सचेंज को शाहजहांपुर में 934 करोड़ रुपये और कोविलपट्टïी में 566 करोड़ रुपये का झटका लग सकता है। यदि धान का औसत मूल्य 1,350 रुपये प्रति क्विंटल भी मान लेते हैं तब भी एक्सचेंज को 700 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। (BS Hindi)
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