02 अगस्त 2013
क्या एनएसईएल लौटा पाएगा 5500 करोड़ रु!
नेशनल स्पॉट एक्सचेंज (एनएसईएल) मामले ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। एफएमसी ने एनएसईएल को 15 दिन में निवेशकों का पैसा लौटाने को कहा है। लेकिन, सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि एनएसईएल 5500 करोड़ रुपये क्या चुका पाएगा।
एफएमसी ने एनएसईएल स्टॉक पोजीशन और स्टॉक की कुल कीमत की जानकारी मांगी है। मौजूदा भाव के आधार पर एनएसईएल को स्टॉक की कुल कीमत बतानी होगी। सौदों के 10 दिन बाद कई कमोडिटी की कीमतों में भारी गिरावट आई है। माना जा रहा है कि एफएमसी अपनी निगरानी में एनएसईएल के स्टॉक की नीलामी करा सकता है।
एनएसईएल को 5500 करोड़ रुपये चुकाने हैं। लेकिन, 15 दिन में मंडियों में स्टॉक बेचना मुमकिन नहीं है। इसके साथ ही, गोदाम में पड़े स्टॉक की क्वालिटी पर सवाल उठा जा रहे हैं। सवाल है कि क्या फर्जी तरीके से पूरा कामकाज हुआ है।
सेबी ने भी मामले की जांच शुरू की है। सेबी ब्रोकरों के एक्सपोजर और उसके इक्विटी पर असर की जांच करेगा। सेबी ये जानने की कोशिश करेगा कि क्या ब्रोकरों ने इक्विटी क्लाइंट का पैसा एनएसईएल में तो नहीं लगाया है। फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी और एमसीएक्स में भारी गिरावट की भी जांच होगी।
इतने बड़े घोटाले को देखते हुए सवाल उठाता है कि इसका जिम्मेदार कौन है। लाइसेंस के मुताबिक एफएमसी पर देखरेख की जिम्मेदारी बनती है। ऐसे में एफएमसी इस मामले से पल्ला कैसे झाड़ सकता है। एनएसईएल के प्रमोटर फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी और नेफेड हैं। इस मामले में ये दोनों अब तक चुप क्यों हैं।
एनएसईएल ने सारे सौदों का सेटलमेंट एकसाथ करने का वादा किया है, लेकिन क्या वो ऐसा कर पाएगा। पेमेंट के लिए एमसीएक्स-एसएक्स या एमसीएक्स से रकम निकलने का खतरा है।
दुनिया में किसी एक्सचेंज का द्वारा किए गए डिफॉल्ट
का पहला मामला 1987 में सामने आया था। 1987 में हांगकांग फ्यूचर एक्सचेंज ने डिफॉल्ट किया था। हांगकांग फ्यूचर एक्सचेंज ने 15 दिन का वादा करके निवेशकों को पैसा नहीं दिया था। (Money Cantrl.com
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