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06 अगस्त 2013

भुगतान पर नजर रखेगी समिति

फाइनैंशियल टेक्नोलॉजिज (एफटी) समूह की कंपनी नैशनल स्पॉट एक्सचेंज (एनएसईएल) ने भुगतान संकट पर उठ रहे विवाद के बीच आज निवेशकों को भरोसा दिलाने की कवायद के तहत चार सदस्यीय स्वतंत्र समिति का गठन करने की घोषणा की है। यह समिति करीब 5,500 करोड़ रुपये के सौदों के निपटान मामले में सलाह देगी और उसकी निगरानी करेगी। समिति के गठन की घोषणा ऐसे समय में की गई है जब रविवार को एनएसईएल ने कहा था कि ज्यादातर ब्रोकर सौदों के निपटान प्रस्ताव पर राजी हैं। एनएसईएल के वाइस चेयरमैन जिग्नेश शाह ने आज कहा कि जो ब्रोकर भुगतान बाध्यता को पूरा नहीं करेंगे, उन पर 16 फीसदी की दर से ब्याज लिया जाएगा। हालांकि उन्होंने भुगतान के लिए कोई समयसीमा का जिक्र नहीं किया। शाह ने कहा कि एक्सचेंज सौदों के निपटान की घोषणा 14 अगस्त को कर सकता है। इस बीच, एफटी का शेयर नैशनल स्टॉक एक्सचेंज पर 33.6 फीसदी चढ़कर 197.01 रुपये पर बंद हुआ। पिछले हफ्ते एनएसईएल द्वारा सभी अनुबंधों को स्थगित करने की घोषणा के बाद पिछले दो सत्रों में एफटी का शेयर करीब 73 फीसदी तक लुढ़क गया था। देर शाम वायदा बाजार आयोग ने एक्सचेंज से कहा कि वह पहले 7,000 छोटे निवेशकों को प्राथमिकता दे, जिनका निवेश 10 लाख रुपये से कम है। साथ ही यह भी कहा कि एनएसईएल समूह की कंपनी एमसीएक्स से वित्तीय लेनदेन नहीं कर सकती है। 13,000 निवेशकों में से छोटे निवेशकों की हिस्सेदारी करीब 54 फीसदी है। एफएमसी ने मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज से कहा है कि वह अपने ऊपर बिना नियामक की अनुमति के कोई वित्तीय बोझ न ले। एफएमसी ने विभिन्न ब्रोकरों के साथ कई दौर की बैठकों के बाद एक्सचेंज से कहा है कि वह देनदारों से जमा रकम एक एस्क्रो खाते में जमा कराए। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने कहा कि एफएमसी को स्पॉट एक्सचेंज के सौदों के निपटान की जिम्मेदारी के लिए जल्द ही अधिसूचना जारी किया जा सकता है। एफएमसी की सलाह से एनएसईएल ने जो समिति बनाई है, उसकी अध्यक्षता कंपनी लॉ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन शरद उपासने करेंगे और समिति में बंबई उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आर जे कोचर, सेबी व एलआईसी के पूर्व चेयरमैन जी एन बाजपेयी और महाराष्टï्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक डी शिवानंद शामिल हैं। इसके साथ ही एनएसईएल ने विक्रेता की ओर से भी दो समितियों का गठन किया है। यह समिति भुगतान में देरी की स्थिति में संबंधित भागीदारी से मामला निपटाएंगे। शाह ने कहा, 'सभी समितियों का गठन भुगतान को सही और सुगम तरीके से पूरा करने के लिए किया गया है ताकि बाजार में इसका कोई असर न पड़े।Ó एनएसईएल ने कहा कि वह कारोबार तभी शुरू करेगी जब सरकार 11 दिन के अनुबंधों पर अपना रुख स्पष्टï करेगी। आठ ब्रोकरों ने तय समय सीमा या उससे पहले 2,181 करोड़ रुपये भुगतान करने की इच्छा जताई है। वहीं 13 कंपनियों ने साप्ताहिक किस्तों में 3,107 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है। जबकि 3 ब्रोकरों के साथ 311 करोड़ रुपये के लिए बातचीत जारी है। इस बीच एक्सचेंज ने अपनी वेबसाइट से सभी गोदामों के पते हटा लिए हैं। संवाददाता सम्मेलन में पूछे गए कई सवालों को शाह टाल गए और कहा कि इसकी जानकारी मुख्य कार्याधिकारी अंजनी सिन्हा ही दे सकते हैं। गोदामों में भंडार के बारे में भी शाह ने कोई जानकारी नहीं दी। वास्तविक सौदों के बारे में भी उन्होंने जानकारी नहीं दी और कहा कि इसका खुलासा एनएसईएल की वेबसाइट पर किया जाएगा। कर्जदाताओं को भरोसे में लिए बगैर मामला सुलझाने की कवायद पर कुछ ब्रोकर नाखुश दिखे। एएनएमआई के अध्यक्ष आरएमसीबी प्रसाद राव ने कहा कि एफएमसी को एनएसईएल के गोदामों में भंडारण और उनका आकलन करना चाहिए। (BS Hindi)

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