06 अगस्त 2013
एनएसईएल में ब्रोकरों का 20-80 का खेल
एनएसईएल का संकट अब और जटिल होता जा रहा है। ब्रोकर और इन्वेस्टरों को इस बात की फिक्र है कि क्या उन्हें पूरी रकम वापस मिल पाएगी और कहीं उनका पैसा अटक तो नहीं जाएगा। क्योंकि एनएसईएल में भी 20-80 का खेल चल रहा था।
20-80 स्कीम के तहत ब्रोकर 80 फीसदी पैसे लगाते थे और 20 फीसदी एचएनआई पैसा लगाते थे। इस निवेश पर 20-24 फीसदी रिटर्न मिल जाता था। वहीं एनएसईएल का प्रोडक्ट रिटर्न 14-18 फीसदी होता था।
एनएसईएल में ब्रोकरों के इस खेल में ब्रोकरों को ज्यादा बिजनेस और ब्रोकरेज मिलता था। वहीं क्लाइंट को कम निवेश पर ज्यादा रिटर्न मिलता था। 20 फीसदी निवेश पर क्लाइंट को 24 फीसदी तक के रिटर्न मिल जाते थे।
एनएसईएल संकट से दिक्कतें सामने आ रही हैं जिनमें सवाल हैं कि अटका हुआ पैसा क्या एक्सचेंज भरेगा। इस खेल में ब्रोकरों का पैसा फंसने की आशंका है। क्लाइंट को पूरी रकम मिलने की उम्मीद कम है और इससे झगड़े होंगे जिससे धंधे पर बुरा असर पड़ेगा।
एनएसईएल संकट से ब्रोकर परेशान हो रहे हैं। हालांकि एफएमसी ने कहा है कि छोटे निवेशकों को सीधे पैसे लौटाएंगे। लेकिन अगर निवेशकों को पैसे मिले तो ब्रोकर को रकम मिलने में दिक्कत होगी। जबकि ट्रेड की 80 फीसदी फंडिंग ब्रोकरों ने की है। माना जा रहा है कि इस तरह के सैटलमेंट से कानूनी झगड़े बढ़ेंगे जिससे कारोबार पर असर होगा। (Moneycantrol.com)
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