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03 जुलाई 2010

तिलहन का बुवाई एरिया बढ़कर दोगुना

चालू खरीफ सीजन में अभी तक धान और तिलहनों के बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हुई है जबकि दलहन की बुवाई पिछले साल की तुलना में कम क्षेत्रफल में हुई है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार तिलहन का बुवाई एरिया दोगुने से भी ज्यादा हो गया है। धान की रोपाई बढ़कर 46।46 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल की समान अवधि के 45.43 लाख हैक्टेयर से करीब दो फीसदी ज्यादा है। हालांकि बुवाई अभी शुरूआती चरण में है। उत्तर भारत में मानसून सक्रिय होने के बाद धान की रोपाई में तेजी आएगी। चालू खरीफ में तिलहनों की बुवाई बढ़कर अभी तक 28.86 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक मात्र 12.96 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। इस तरह तिलहन का बुवाई एरिया दोगुने से भी ज्यादा हो गया है। चालू खरीफ में सरकार ने दलहन और तिलहनों का उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य रखा है लेकिन दलहनों की बुवाई पिछले साल के मुकाबले पिछड़ रही है। चालू खरीफ में दलहनों की बुवाई 5.15 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 5.18 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। गन्ने की बुवाई 47.37 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल की समान अवधि के 41.79 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी। कपास की बुवाई भी पिछले साल की समान अवधि में 29.17 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 43.68 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है। जूट की बुवाई भी चालू सीजन में बढ़कर 7.59 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल की समान अवधि के 6.88 लाख हैक्टेयर से ज्यादा है। अधिकारियों का कहना है कि उत्तर भारत में मानसून में देरी हो रही है। (Business भास्कर)

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