06 जुलाई 2010
लेवी चीनी पर फैसला नए सीजन से पहले
लेवी चीनी घटाने की मिलों की मांग पर फैसला अक्टूबर से शुरू होने वाले नए सीजन से पहले हो जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि आयातित चीनी पर शुल्क लगाने के बार में भी अंतिम निर्णय सितंबर से पहले हो जाएगा। चालू सीजन में गन्ने का बुवाई क्षेत्रफल बढ़ा है लेकिन चीनी उत्पादन का अनुमान अभी लगाना जल्दबाजी होगा। मौजूदा सीजन के शुरू में चीनी उत्पादन में कमी आने की आशंका के चलते सरकार ने अक्टूबर 2009 में लेवी चीनी 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी थी। सरकार लेवी चीनी लेकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत वितरण की जरूरत पूरी करती है। यह चीनी अपने निर्धारित मूल्य पर मिलों से ली जाती है, जो खुले बाजार के भाव से काफी कम रहते हैं। पीडीएस के लिए उपलब्धता बनाए रखने के लिए लेवी चीनी की मात्रा बढ़ाई गई थी। मौजूदा पेराई सीजन के शुरू में चीनी उत्पादन का अनुमान 160 लाख टन का था लेकिन अब उत्पादन बढ़कर 189 लाख टन चुका है। इसलिए उद्योग लेवी चीनी की मात्रा कम करने की मांग कर रहा है। सूत्रों के अनुसार लेवी चीनी की मात्रा को घटाकर सरकार 16 फीसदी कर सकती है। चालू पेराई सीजन के शुरू में चीनी का करीब 27 लाख टन का बकाया स्टॉक बचा हुआ था। चालू पेराई सीजन में करीब 37 लाख टन चीनी (रॉ शुगर और व्हाइट शुगर) का आयात हो चुका है। ऐसे में देश में कुल उपलब्धता 250 लाख टन से ज्यादा रहने का अनुमान है। जबकि देश में चीनी की सालाना खपत करीब 225-230 लाख टन की होती है। कृषि मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार नए सीजन के गन्ने की बुवाई बढ़कर 47।37 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 41.79 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी।आयातित चीनी पर शुल्क लगाने के बार में भी अंतिम निर्णय सितंबर से पहले हो जाएगा। नए सीजन में उत्पादन की स्थिति का आकलन करने के बाद होगा नीतिगत फैसला।- शरद पवार, केंद्रीय कृषि मंत्री (बिसनेस भास्कर)
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