नई दिल्ली July 07, 2010
बारिश ने किसानों को तो मुस्कराने का मौका दिया है, लेकिन गृहिणियों की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। सब्जियों के थोक एवं खुदरा भाव आसमान छूने लगे हैं। हफ्ते भर में उनके दाम 15-25 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। कारोबारियों का कहना है कि इस माह सब्जियों की बढ़ी हुई कीमतों से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।राष्ट्रीय राजधानी की फल एवं सब्जी मंडी आजादपुर के सब्जी कारोबारी सुभाष चुघ ने बताया कि इन दिनों मंडियों में पहाड़ी इलाकों से सब्जियों की सप्लाई हो रही है। इन इलाकों में बारिश के कारण सब्जियों की आवक पूरी तरह नहीं हो पा रही है। इसके अलावा बीते माह अधिक गर्मी की वजह से भी सब्जियों को काफी नुकसान हुआ है। इससे सब्जियों के उत्पादन में कमी आई है। यही कारण है कि पिछले पांच-छह दिनों में सब्जियों की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है। इस दौरान थोक में शिमला मिर्च के दाम 10-15 रुपये से बढ़कर 15-20 रुपये प्रति किलोग्राम, टमाटर के दाम 15-20 रुपये से बढ़कर 20-28 रुपये प्रति किलो, फूल गोभी 20-23 रुपये से बढ़कर 25-30 रुपये, अरबी 8-12 रुपये से बढ़कर 12-15 रुपये, लौकी 6-12 रुपये से बढ़कर 8-15 रुपये और तोरई के दाम 8-10 रुपये से बढ़कर 10-14 रुपये प्रति किलो हो गए हैं।टमाटर कारोबारी ओमप्रकाश जैन का कहना है कि बारिश की वजह से टमाटर की आवक 30-40 गाड़ी से घटकर 15-20 गाड़ी रह गई है। मयूर विहार फेस-3 में सब्जी के खुदरा कारोबारी अवधेश कुमार ने बताया कि खुदरा में सब्जियों के भाव इस दौरान 30 फीसदी तक बढ़े हैं।चुघ का कहना है कि मैदानी इलाकों से सब्जियों की सप्लाई होने पर ही इनकी कीमतों में गिरावट के आ सकती है, लेकिन मैदानी इलाकों से सब्जियों की सप्लाई होने में कम से कम 20 दिन लगेंगे। ऐसे में इस माह सब्जियों के दाम घटने की उम्मीद कम है। एक अन्य सब्जी कारोबारी पीएम शर्मा के मुताबिक अगले माह ही सब्जियों की ऊंची कीमतों से राहत मिल पाएगी। (बीएस हिंदी)
08 जुलाई 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें