नई दिल्ली July 01, 2010
यूरोप में आर्थिक संकट का असर कॉफी निर्यात पर पडऩे की आशंका जताई जा रही है। निर्यातकों के अनुसार यूरोप से मांग घटने के कारण इस साल कॉफी का निर्यात लक्ष्य से कम रह सकता है। वहीं चालू वर्ष के पहले छह माह के दौरान कॉफी के निर्यात मे करीब 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।भारतीय कॉफी निर्यातक संघ के अध्यक्ष रमेश राजा ने बताया कि बीते महीनो में यूरोप में आए आर्थिक संकट के कारण वहां से कॉफी की मांग घटने लगी है। इस वजह से इस वर्ष कॉफी का निर्यात लक्ष्य से कम रह सकता है। उनके मुताबिक इस वर्ष 2।10 लाख कॉफी निर्यात होने की संभावना है, जबकि संघ ने साल की शुरुआत में 2.30 लाख टन कॉफी निर्यात का लक्ष्य रखा था। उधर, पिछले साल के मुकाबले कॉफी निर्यात में भारी इजाफा हुआ है। भारतीय कॉफी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार चालू वर्ष (जनवरी-जून) में 1.53 लाख टन कॉफी का निर्यात हुआ है। यह पिछली समान अवधि के मुकाबले 49 फीसदी से अधिक है। पहले छह माह के दौरान 30,690 टन अरेबिका और 83,673 टन रोबस्टा और 39,176 टन इंस्टेंट कॉफी निर्यात की गई । इस दौरान सबसे अधिक करीब 30 फीसदी 46,104 टन इटली को, करीब 11 फीसदी 17,148 टन रूस संघ को कॉफी का निर्यात हुआ।निर्यात बढऩे की वजह पिछले सीजन के मुकाबले चालू सीजन में कॉफी उत्पादन अधिक होना है। चालू सीजन में उत्पादन 2.62 लाख टन से बढ़कर 2.89 लाख टन रहा। उत्पादन में बढ़ोतरी के अलावा वैश्विक आर्थिक हालात सुधरने से भी निर्यात में बढ़ोतरी को बल मिला है। एक अक्टूबर से शुरू हो रहे नए कॉफी वर्ष 2010-11 में मौसम अनुकूल होने के कारण आगामी कॉफी वर्ष में उत्पादन बढ़कर 3.05 लाख टन होने का अनुमान है। (बीएस हिंदी)
02 जुलाई 2010
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