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05 मार्च 2010

इलायची निर्यात में जोरदार बढ़त संभव

ग्वाटेमाला में फसल कमजोर होने से चालू वित्त वर्ष में मार्च तक भारत से इलायची के निर्यात में 125 फीसदी की बढ़ोतरी होने की संभावना है। व्यापारिक अनुमान के अनुसार अप्रैल से फरवरी के दौरान कुल निर्यात बढ़कर 1,500 टन हो चुका है जबकि अभी तक के निर्यात सौदों को देखते हुए मार्च के आखिर तक निर्यात बढ़कर 1,750 टन होने का अनुमान है। मसाला बोर्ड के अनुसार पिछले वित्त वर्ष 2008-09 में 750 टन इलायची निर्यात हुई थी जबकि चालू वित्त वर्ष में दिसंबर तक नौ माह में 1190 टन इलायची निर्यात हुई। यह निर्यात पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले करीब 174 फीसदी ज्यादा है। मुंबई स्थित मैसर्स सैमक्स एजेंसी के मैनेजिंग डायरक्टर मूलचंद रुबारल ने बिजनेस भास्कर को बताया कि चालू सीजन में ग्वाटेमाला में इलायची का उत्पादन करीब 11।7 फीसदी घटकर 15,000 टन रहने का अनुमान है। उत्पादन में कमी आने के कारण ग्वाटेमाला के निर्यातकों की बिकवाली कम हो गई है जिससे अमेरिका और यूरोप के साथ खाड़ी देशों की ओर से भारतीय इलायची की मांग बढ़ गई है। चालू वित्त वर्ष के पहले ग्यारह महीनों में ही भारत से इलायची का निर्यात बढ़कर करीब 1,500 टन हो चुका है। मूलचंद रुबारल ने बताया कि इस समय विश्व बाजार में भारतीय इलायची के भाव बढ़कर 25-27.75 डॉलर प्रति किलो हो गए हैं। उधर ग्वाटेमाला की इलायची के भाव 23 से 25 डॉलर प्रति किलो चल रहे हैं। ग्वाटेमाला के मुकाबले भारतीय इलायची की `ालिटी अच्छी होने के कारण निर्यात बढ़ रहा है।निर्यातकों की अच्छी मांग को देखते हुए मई तक विदेशी बाजार में भारतीय इलायची की कीमतों में लगभग एक से दो डॉलर प्रति किलो की तेजी आने की संभावना है। घरलू बाजार में नीलामी केंद्रों पर सात एमएम इलायची के भाव 1020 से 1070 रुपये, 7.5 एमएम इलायची के भाव 1100 से 1130 रुपये और आठ एमएम के भाव 1180 से 1230 रुपये प्रति किलो हो गए।rana@businessbhaskar.net (बिज़नस भास्कर...आर अस राणा)

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