04 मार्च 2010
देश की तरक्की के लिए आधुनिक कृषि प्रौद्योगिकियां
कृषि विकास में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित विभिन्न प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन पूसा कृषि विज्ञान मेला 2010 में किया जा रहा है। मेले का आयोजन 4 से 6 मार्च तक किया जा रहा है। हर वर्ष होने वाले इस मेले में उन्नत किस्म के बीजों की बिक्री के अलावा कटाई उपरांत प्रौद्योगिकियों का भी प्रदर्शन किया जाता है, जिसका लाभ उठाकर किसान अपने उत्पादों से बेहतर आय प्राप्त कर सकते हैं। कृषि विकास में पूसा के वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कृषि विज्ञान मेला संस्थान की प्रमुख गतिविधि है, जिसमें किसानों के हित को ध्यान में रखकर प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जाता है। इस बार के मेले का विषय है त्नराष्ट्रीय समृद्धि के लिए कृषि प्रौद्योगिकियांत्न, जिसके तहत पूसा अपनी उन्नत प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करगा। इस मेले में पूसा द्वारा विकसित सौ से भी अधिक श्रेष्ठ किस्मों और उनसे संबंधित प्रबंधन पद्धतियों और कृषि औजारों पर प्रदर्शनी लगाई जाएगी। किसानों को इस मेले में संस्थान की प्रौद्योगिकियां जैसे पॉलीहाउसों और नेट हाउसों में सब्जियों और फूलों की संरक्षित खेती, पूसा जीरो एनर्जी कूल चैंबर, सब्जियों का प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन, गुलाब और ग्लैडियोलस की संकर किस्में, वर्मी कंपोस्ट आदि का व्यापक प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा पूसा द्वारा खास प्रौद्योगिकियां जैसे किवी फल को अधिक दिनों तक सुरक्षित रखने की प्रौद्योगिकी, बेल का चीनी रहित जूस बनाने की प्रौद्योगिकी जो डायबिटीज के मरीजो के लिए बेहद कारगर है, को प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही किसानों में तेजी से लोकप्रिय हो रहे लेजर लेवलर का प्रदर्शन और इसकी बिक्री का भी प्रबंध भी होगा। पूसा के मेले में दो सौ से भी अधिक स्टॉल रहेंगी। देशभर से करीब एक लाख किसानों और अन्य लोगों के आने की उम्मीद है। (बिज़नस भास्कर)
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